— भूपेंद्र ठाकुर, सोलन
हिमाचली लोकनृत्य में कुछ तो है कि…
आपके लिए नृत्य क्या है?
नृत्य मेरी साधना है। यह ईश्वर से साक्षात करवाने का एक माध्यम भी है।
क्या नृत्य के माध्यम से खुद से रू-ब-रू होती हैं या यह प्रतिभा का कौशल है, जो किसी मंच की तारीफ में अनवरत प्रयास है?
नृत्य के माध्यम से खुद से रू-ब-रू होने का मौका मिलता है। इससे आत्मा पवित्र होती है।
कत्थक नृत्य की तरफ आप कैसे पहुंचीं और इसके जरिए साहस की मंजिलें क्यों खोज रही हैं?
कत्थक नृत्य की ओर बचपन से रुझान रहा है। इस नृत्य के माध्यम से ही मैं अपनी मंजिल तक पहुंचने का प्रयास कर रही हूं।
क्या आप वर्ल्ड रिकार्ड के लिए एवरेस्ट पर कत्थक नृत्य करना चाहती हैं या कोई अन्य संदेश इसके पीछे छिपा है?
एवरेस्ट पर जाकर नृत्य करना केवल उद्द्ेश्य नहीं है बल्कि मैं इसके माध्यम से दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ संदेश देना चाहती हूं। पूरी दुनिया आतंकवाद से परेशान है। ऐसे में इस साहसिक कार्य के माध्यम से मैं आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब देना चाहती हूं।
आपके लिए साहस के मायने क्या हैं और भय पर काबू पाने का तरीका क्या है?
भय जैसी कोई चीज नहीं होती है। ये सब मन की धारणाएं हैं। जब अपने वश में कुछ न हो, तो ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए। जब भय का एहसास होता है, तो प्रभु के चरणों में लीन हो जाती हूं।
नृत्य में आपका कोई ऐसा अनुभव, जो केवल श्रुति ने सुना और महसूस किया?
जब खारदुंगला पोस्ट पर नृत्य किया, तो उस दौरान एक नया अनुभव हुआ है। ऐसा लगा जैसे भगवान शिव के साक्षात दर्शन हो रहे हों। यह अनुभव बिलकुल अलग था।
किसी भी कला में रचने-बसने के लिए ईश्वर का कितना साथ होता है या सही गुरु की तलाश इसे मुकम्मल करती है?
मैं ईश्वर में विश्वास रखती हूं और कत्थक ऐसा नृत्य है, जो ईश्वर से मिलाता है। गुरु का मुझे काफी आशीर्वाद मिला है। आज जो भी हूं गुरु की कृपा से ही हूं।
कत्थक के प्रति समर्पण के बावजूद आपने कितनी अन्य तरह की नृत्य शैलियों को अंगीकार किया?
कत्थक के अलावा मैंने पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी, ओडिसी व भरत नाट्यम की भी शिक्षा ली है।
किसी एक हिमाचली लोक नृत्य में आपको बड़ी संभावना दिखती हो?
यदि हिमाचली लोक नृत्य के साथ क्लासिकल डांस को मिक्स कर दिया जाए, तो यह दुनिया भर में प्रसिद्ध हो सकता है। मैं इस प्रकार के डांस को तैयार करने के बारे में सोच भी रही हूं।
हिमाचली प्रतिभा श्रुति गुप्ता की ओर टकटकी लगा कर देख रही है। प्रदेश को अपनी विद्या से क्या लौटाना चाहेंगी और इसकी शुरुआत कैसे होगी?
हिमाचल प्रदेश में एक अकादमी खोलना चाहती हूं, जिसमें सभी लड़कियों को मुफ्त कत्थक डांस सिखाया जाएगा। यदि प्रदेश सरकार सहायता करे, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। यदि सरकार ने नहीं भी सहायता की, तो भी मैं समय आने पर प्रदेश की युवतियों को कत्थक डांस सिखाऊंगी।
राष्ट्रीय परिदृश्य में हिमाचली कलाकार का अस्तित्व किन बातों पर निर्भर करेगा?
हिमाचली कलाकारों को पहले प्रदेश में सम्मान देना होगा। आमतौर पर प्रदेश सरकार कोई सहायता नहीं करती है, जब यहां का कलाकार राष्ट्रीय स्तर पर जाकर प्रदेश का नाम रोशन करता है। सरकार की सहायता के बिना कलाकार कुछ नहीं कर सकता।
क्या नृत्य के आलोक में आप अपने व्यक्तित्व से भिन्न हो जाती हैं या कलाकार के जीवन की परिपाटी हर मंच के मुताबिक बनती है या कुछ नया अर्जित कर पाती हैं?
जब कत्थक नृत्य करती हूं, तो अपने व्यक्तित्व को भूल जाती हूं। मुझे नहीं याद रहता है कि मैं कौन हूं। उस समय मैं एक कलाकार होती हूं और बेहतरीन प्रस्तुति देने का प्रयास करती हूं। इस दौरान काफी कुछ सीखने को भी मिलता है।