पत्नी की हत्या का आरोपी दोषमुक्त

हाई कोर्ट का फैसला, आजीवन कारावास भुगत रहा था युवक

शिमला— प्रदेश हाई कोर्ट ने सत्र न्यायाधीश मंडी की अदालत के निर्णय को रद्द करते हुए पत्नी की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे दुर्गा सिंह को बरी करने का निर्णय सुनाया है। अदालत ने उसे तुंरत रिहा करने के आदेश पारित किए हैं।  यह निर्णय  न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश विवेक सिंह  ठाकुर ने दुर्गा सिंह की अपील को स्वीकार करते हुए  सुनाया। दुर्गा सिंह पर आरोप था कि उसने पत्नी की हत्या कर दी थी। शादी के 20-22 वर्षों के बाद प्रार्थी और उसकी पत्नी के बीच किसी सामाजिक समारोह में भाग लेने के बाद बहस हो गई और उसके पश्चात दुर्गा सिंह ने शराब के नशे में पत्नी की हत्या कर लाश को चुनरी के साथ लटका दिया और इस तरह पेश किया जैसे कि मृतका ने आत्महत्या की हो। पुलिस ने हत्या के आरोप में दुर्गा सिंह पर मामला दर्ज कर अभियोग चलाया।  निचली अदालत के समक्ष अभियोग पक्ष ने अभियोजन साबित करने के लिए गवाहों के बयान दर्ज करवाए। निचली अदालत ने अपने निर्णय में कहा था कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित करने सक्षम रहा है इसलिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। दुर्गा सिंह ने निचली अदालत के इस निर्णय को अपील के माध्यम से हाई कोर्ट के समक्ष चुनौती दी। हाई कोर्ट ने इस मामले से जुड़े सारे रिकार्ड का अवलोकन करने के पश्चात पाया कि अभियोजन पक्ष आरोपी के खिलाफ अभियोग साबित करने में असफल रहा है क्योंकि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि पत्नी की हत्या करने के पीछे दुर्गा सिंह की क्या मंशा रही। पति और पत्नी के बीच घरों में अकसर झगड़े होते रहते हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि पति ने पत्नी की इररादतन हत्या की है, इसलिए उसे बरी किया जाता है।