पुरातन रहस्यों में हर समस्या का समाधान

नालागढ़  (बीबीएन) — सनातन पुरातन रहस्यों से हर समस्या का समाधान संभव है, जिसे आज पूरा विश्व मान रहा है। यह उद्गार ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने नालागढ़ के गवर्नमेंट कालेज मैदान में आयोजित विशाल प्रभु कृपा दुख निवारण समागम के पहले दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहे। नवरात्र पर आयोजित समागम में केवल देश भर से ही नहीं, बल्कि अमरीका, कनाडा, इंग्लैंड, नेपाल, थाइलैंड, दुबई, यूरोप से आए श्रद्धालुओं ने भी बड़ी भक्ति और श्रद्धा से ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी से प्रभु कृपा ग्रहण की। समागम में जब अनेक श्रद्धालुओं ने दिव्य पाठ से होने वाले अनुभव सुनाए तो वहां मौजूद बुद्धिजीवी वर्ग सहित हर अतिथिगण आश्चर्यचकित रह गए। ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने इस दौरान मां भगवती और मां गंगा के अद्भुत रहस्य उद्घाटित किए। जिन दुर्लभ रहस्यों को जानने के लिए कठोर तप करना पड़ता है, उन रहस्यों को ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने बड़ी सरलता और सहजता से श्रद्धालुओं को प्रदान कर दिया। मां भगवती के दुर्लभ निष्कीलन रहस्य प्राप्त कर देश-विदेश से आए श्रद्धालु प्रसन्नता और श्रद्धा से भाव-विभोर हो गए। ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने कहा कि कभी मैं भी पूजा-पाठ में विश्वास नहीं रखता था। जब मैंने पहली बार धर्मशास्त्रों के रहस्यों को जाना तो आश्चर्य से भर गया। मैंने अपने अनुभव से देखा कि मात्र कुछ समय के पाठ से मेरे वे कष्ट और दुख समाप्त हो गए, जिनका कहीं कोई समाधन नहीं था। ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने कहा कि सनातन पुरातन मर्यादा के इन दुर्लभ रहस्यों को जानकर अमरीका, कनाडा, इंग्लैंड और यूरोप के वैज्ञानिक, डाक्टर, बुद्धिजीवी और अनुसंधानकर्ता आश्चर्यचकित हैं। प्रभु कृपा के इस सरल से विज्ञान के प्रभावों को देखकर वे भारत की ओर श्रद्धा से देखने लगे हैं। विश्व की सरकारें मुझे जो सम्मान प्रदान कर रही हैं, वह सम्मान मेरा नहीं, बल्कि धर्मशास्त्रों का सम्मान है, यह सनातन पुरातन मर्यादा का सम्मान है। विज्ञान के पास मनुष्य के दुखों, कष्टों और बाधाओं का समाधान नहीं है, जबकि धर्मशास्त्रों में हर समस्या का समाधन मौजूद है।

पूरी तरह बदल गया जीवन

प्रभु की कृपा से आज विश्व के करोड़ों भाई-बहनों का जीवन पूरी तरह बदल गया है, जो वैज्ञानिक देश पूजा-पाठ और धर्मशास्त्रों को नहीं मानते थे, वे अब श्रद्धा और भक्ति से सनातन पुरातन मर्यादा के समक्ष नतमस्तक हो रहे हैं और संतों के नाम पर दिवस घोषित कर रहे हैं। इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण धाम के महासचिव गुरुदास ने बताया कि परम पूज्य सद्गुरुदेव जी समागमों में प्रभु कृपा का जो आलोक प्रदान करते हैं, वह अत्यंत सरल और सहज है और इस आलोक को किसी भी धर्म, संप्रदाय और मत का व्यक्ति बिना अपना धर्म और गुरु बदले आसानी से ग्रहण कर सकता है।