बिना गुरुओं के कौन बांटेगा ज्ञान

बिलासपुर —  नम्होल क्षेत्र के अंतर्गत हाई स्कूल टेपरा में शिक्षकों के रिक्त पद भरने में हो रही देरी अभिभावकों के लिए चिंता का सबब बन गई है। स्कूल में अध्यापकों सहित अन्य स्टाफ के लगभग आधा दर्जन खाली पड़े पद इसका कारण है। पिछला शैक्षणिक सत्र खत्म हो चुका है और अब नए की बारी है। लेकिन अभिभावक इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं नए सत्र में भी बच्चों को इसी समस्या से न जूझना पड़े। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होने से पहले ही खाली पद भरने की मांग की है। हाई स्कूल टेपरा के एसएमसी अध्यक्ष रामस्वरूप तथा अभिभावकों रामपाल, हेमराज, नारायण सिंह, महेंद्र सिंह, बलदेव, हरि सिंह, परमानंद, कालाराम, बंशीराम, बृजलाल, गुलाबा राम, किशन सिंह व शेर सिंह आदि ने कहा कि सरकार द्वारा बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के दावे जमीनी स्तर पर खोखले साबित हो रहे हैं। टेपरा स्कूल में आधा दर्जन पद पिछले दो साल से खाली चल रहे हैं। इनमें ड्राइंग टीचर व टीजीटी मेडिकल का एक-एक, टीजीटी आर्ट्स के दो तथा क्लर्क व चपरासी के दो-दो पद शामिल हैं। लंबे अरसे से पीटीए अध्यापकों के सहारे ही काम चलाया जा रहा है। एसएमसी अध्यक्ष व अभिभावकों का कहना है कि सरकार और शिक्षा विभाग को अध्यापकों के रिक्त पदों से हो रही समस्या से कई बार अवगत कराया गया, लेकिन स्थिति जस की तस हैं। पुराना शैक्षणिक सत्र जैसे-तैसे बीत चुका है। उन्हें इस बात की चिंता है कि यदि नए सत्र में भी रिक्त पद नहीं भरे गए तो बच्चों का भविष्य कैसे संवर पाएगा। टेपरा स्कूल में काट्टल, डाबर, कोयल, छेत्ता, पोहणी, गुतराहण व चाबड़ू आदि गांवों के बच्चे पढ़ते हैं। उनके लिए दूसरा नजदीकी स्कूल न होल में है, जिसकी दूरी टेपरा से दस किलोमीटर है। बच्चों के लिए हर रोज इतनी दूर आना-जाना बेहद मुश्किल है। उन्होंने सरकार और शिक्षा विभाग से मांग की कि नया सत्र शुरू होने से पहले स्कूल में खाली पद भरे जाएं, ताकि नए सत्र में बच्चों की पढ़ाई सही ढंग से हो सके।