रैली से पहले मच गया शोर

एसएफआई बोली, एक करोड़ होंगे खर्च

शिमला  —  शिमला में 30 मार्च को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रस्तावित छात्र आक्रोश रैली में एक करोड़ की राशि खर्च होगी। ये आरोप एसएफआई के राज्य सचिव सुरेश सरवाल ने लगाए हैं। उनका आरोप है कि इस रैली में आरएसएस एबीवीपी को आर्थिक रूप से मदद दे रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह रैली छात्र समुदाय की नहीं, बल्कि आरएसएस की है और इस रैली में आरएसएस से जुड़े नेता और पूर्व नेता भी भाग ले रहे हैं। एबीवीपी इन आरोपों को नकार कर एक करोड़ की राशि रैली पर खर्च होने की बात से इनकार कर रही है। एबीवीपी की प्रांत मंत्री हेमा ठाकुर ने आरोप नकारते हुए कहा कि छात्र आक्रोश रैली में हर व्यवस्था को स्पांसर किया गया है। प्रदेश भर से छात्रों को रैली स्थान तक लाने के लिए बसों तक की व्यवस्था भी पूर्व एबीवीपी कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि कितना खर्च रैली पर आएगा, इसका कोई अनुमान नहीं है। एबीवीपी ने जो भी धन रैली के लिए संग्रह किया है, वह जिला स्तर पर कमेटियों ने किया है। हालांकि जिला स्तर पर कितना धन संग्रहण किया गया है, इस बात की जानकारी होने से प्रांत मंत्री मना कर रही है। हेमा ठाकुर ने इस छात्र आक्रोश रैली में सेंटर और आरएसएस से मदद मिलने की बात से साफ इनकार किया है। जो भी धन संग्रह हुआ है, वह प्रदेश भर में चलाए गए छात्र पंजीकरण की 50 रुपए फीस और जिला स्तर पर ही एकत्र किया गया है। रैली स्तर पर लगने वाले पोस्टर, बैनर, झंडों और जिला भर में लगाए गए बैनर पोस्टर पर भी खर्च किया जा रहा है। हालांकि दस हजार फूड पैकेट आम लोगों द्वारा छात्रों को देने की बात भी एबीवीपी प्रांत मंत्री हेमा ठाकुर ने की है।

रैली रोकने की पूरी कोशिश में सरकार

विद्यार्थी परिषद का आरोप, रुकावट के लिए कालेजों में लगा दिया मिड टर्म का शेड्यूल

शिमला  —  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की 30 मार्च को शिमला में होने वाली रैली से प्रदेश सरकार घबरा गई है। यही वजह है कि प्रदेश सरकार यह रैली रोकने के लिए पूरा-पूरा प्रयास कर रही है। यह बात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की प्रांत मंत्री हेमा ठाकुर ने कही। उन्होंने कहा कि अब जब एबीवीपी ने प्रदेश भर में अपनी छात्र आक्रोश रैली को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं, तो अब सरकार रैली रोकने के लिए अपने स्तर पर पूरा-पूरा प्रयास कर रही है, जिन कालेजों से छात्रों ने रैली में शामिल होना है, उन कालेजों में छात्रों को रैली में आने से रोकने के लिए अचानक से छात्रों की मिड टर्म परीक्षाओं की डेटशीट लगा दी गई है। पहले जिन कालेजों में छात्राओं की परीक्षाओं को लेकर कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ था, उन कालेजों में अचानक से ही परीक्षाओं का शेड्यूल लिया गया है। रैली के लिए आने वाली बसें भी रोकने का प्रयास सरकार द्वारा किया जाएगा। आक्रोश रैली के लिए 25 हजार छात्र प्रदेश भर से भाग ले रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में विद्यार्थी परिषद के 1500 से ज्यादा कार्यकर्ता प्रचार-प्रसार व तैयारियों में लगे थे। प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में प्रदर्शन, रैलियां, आम सभा, नुक्कड़, युवा संवाद सम्मेलन, पर्चा विरतण, पोस्टर के माध्यम से छात्र-छात्राओं को रैली के विषय में अवगत करवाया। आम छात्रों एवं अभिभावकों में सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों को लेकर बहुत आक्रोश है। इसी कडी में 30 मार्च को पूरे प्रदेश से 25000 छात्र-छात्राएं आक्रोश शिमला में व्यक्त करेंगे। अभी तक पूरे प्रदेश में लगभग 40000 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया है। रैली के जरिए कई मांगें उठाई जाएंगी।

घरों से आएंगे दस हजार फूड पैकेट

रैली के दौरान चलाए गए गृह संपर्क अभियान को लोगों का सहयोग भी इस रैली के लिए एबीवीपी को मिल रहा है। रैली के लिए शिमला जिला के घरों से ही दस हजार के करीब फूड पैकेट आने की बात एबीवीपी प्रांत मंत्री ने की है।