सड़क से महरूम कई पंचायतें

कुल्लू —  जिला कुल्लू के कई गांव आजादी के इतने दशकों बाद भी सड़क सुविधा से वंचित हैं। गांव सड़क से न जुड़ने पर लोगों को इस दौर में भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  हालांकि चुनावों के दौरान राजनेता गांव-गांव पहुंचकर लोगों को सड़क से जोड़ने का आश्वासन देते आए हैं, लेकिन सरकार अगली भी बनी जाती है, परंतु राजनेताओं के आश्वासन धरे के धरे रह जाते हैं। जिला कुल्लू के मणिकर्ण, ऊझी, लगवैली, सैंज, बंजार और आनी के सैकड़ों गांव सड़क सुविधा न होने से परेशान हैं। आजादी के इतने दशक बीत जाने के बाद भी लोगों की जिंदगी पीठ के सहारे चल रही है।  खाद्य सामग्री पीठ के सहारे घर पहुंच रही है। वहीं, बीमार लोगों को भी अस्पताल के लिए पीठ और चारपाई का सहारा लेकर कई किलोमीटर का रास्ता फांदकर कर पहुंचाना पड़ता है। बता दें कि मणिकर्ण घाटी के दुर्गम गांव रशोल गांव के लोग सदियों से सड़क सुविधा का दंश झेलते आ रहे हैं। यहां के लोग आज दिन तक पीठ के सहारे खाद्य सामग्री को घर पहुंचा रहे हैं। वहीं, बीमारी के दौरान इन लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं, कसोल के पंचायत ग्राहण के लोगों को भी सड़क सुविधा नहीं होने से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार जिला कुल्लू की 204 पंचायतों में से 35 के आसपास पंचायतों के लोग सड़क का रोना रो रहे हैं। जिला के सैकड़ों गांव जीवन रेखा से नहीं जुड़ पाए हैं। पंचायतों ने इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना रहे हैं।