सैंज में 25 मीटर ऊंचे डैम में जलभराव

आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार के लिए राहत

 सैंज— आर्थिक संकट से जूझ रही प्रदेश सरकार के लिए सौगात भरी खबर है। कई साल बाद सरकारी उपक्रम का एक हाइड्रल प्रोजेक्ट तैयार होने जा रहा है। प्रदेश सरकार का प्रतिष्ठित सौ मेगावाट का सैंज हाइड्रल प्रोजेक्ट बनकर तैयार है और निहारनी गांव में प्रदेश पावर निगम ने 25 मीटर ऊंचे कंक्रीट डैम में जलभराव कर सफलता हासिल की है। हिमाचल सरकार के उपक्रम पावर निगम ने ऊर्जा उत्पादन की तैयारी शुरू कर दी है। लिहाजा 520 मेगावाट के पार्वती हाइड्रल प्रोजेक्ट के बाद सैंज जल विद्युत परियोजना भी प्रदेश के विकास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है। सौ मेगावाट की क्षमता वाली इस विद्युत परियोजना को अंतिम मूर्त रूप देने की पुष्टि परियोजना के प्रबंधक सतीश ठाकुर ने की है। 750 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सैंज परियोजना के तमाम कार्य पूर्ण हो चुके हैं और लक्ष्य भेदने को पावर निगम ने कदमताल शुरू कर दी है। ‘दिव्य हिमाचल’ ने सैंज प्रोजेक्ट के करीब 25 मीटर ऊंचे कंक्रीट डैम का जायजा लिया तो देखा कि बांध परिसर को आधुनिक इंजीनियरिंग का बेजोड़ नमूना पेश किया है। डैम को इस तरह बांधा गया है कि पानी की एक बूंद भी टपक नहीं सकती। मई से पहले सैंज हाइड्रल प्रोजेक्ट को राष्ट्र को समर्पित किया जाना है। जिस कारण पावर निगम के उच्चधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार सैंज प्रोजेक्ट के उद्घाटन की तिथि निश्चित की गई है।

इंजीनियरों ने नहीं छोड़ी कोई कसर

महाप्रबंधक सतीश ठाकुर ने कहा कि प्रोजेक्ट के तमाम कार्यों में इंजीनियरों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि परियोजना के विस्थापितों को 12 करोड़ 88 लाख का मुआवजा अदा किया, जिसमें पांच करोड़ 88 लाख विस्थापितों की भूमि और 700 करोड़ मकानों के ढांचे के एवज में बांटे गए। इसके अतिरिक्त ग्रामीणों के विरोध के चलते चार करोड़ पांच लाख की अतिरिक्त राशि भी बांटी गई। ग्रामीणों का सहयोग भी परियोजना के निर्माण कार्य में सार्थक बना।