स्कूल हाजिरी में हिमाचल आगे

एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन की सर्वे रिपोर्ट में खुलासा

सुंदरनगर — स्कूलों में उपस्थिति दर्ज करवाने में हिमाचल प्रदेश एक अग्रणी राज्य बनकर उभरा है। हिमाचल प्रदेश के बच्चे स्कूलों में हाजिरी लगाने में सबसे आगे आंके गए हैं। इस बात का खुलासा असर सर्वेक्षण रिपोर्ट (एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन) में हुआ है। यहां पर देशभर के 12 राज्यों की श्रेणी में हिमाचल प्रदेश नंबर वन श्रेणी में आंका गया है। जहां पर स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति वर्ष 2017 में 80 प्रतिशत से ऊपर आंकी गई है। इसी श्रेणी में हिमाचल प्रदेश के अलावा नागालैंड, मिजोरम, पंजाब, उत्तराखंड,  हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश,  केरल, तमिलनाडु समेत 12 राज्यों के नाम शामिल हैं, जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों के बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति 50 से 60 प्रतिशत आंकी गई है। वर्ष 2016 के आंकड़े में प्राथमिक स्कूलों में 71.4 प्रतिशत, उच्च स्कूलों में 73.2 प्रतिशत संख्या बच्चों की उपस्थिति रही थी,  जिसमें वर्तमान में काफी सुधार आया है। इसके पीछे मुख्य बात स्कूलों में हरसंभव सुविधाएं मुहैया होने के साथ ही सरकार की ओर से स्कूलों में निःशुल्क वर्दी, दोपहर का भोजन, बस पास की सुविधा, छात्रवृत्ति व निःशुल्क पाठ्य सामग्री मुहैया करवाना भी है। इसके जबरदस्त परिणाम सामने आए हैं। सर्वशिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत भी स्कूलों में पढ़ाई करवाने के तौर तरीकों में काफी बदलाव हुआ है। स्कूलों में चटाइयों की जगह पर डेस्क और ब्लैक बोर्ड की जगह स्मार्ट क्लासेज व ग्रीन बोर्ड के माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है। इससे प्रदेश में शिक्षा के स्तर में बदलाव आने के साथ ही बच्चों का रुझान पढ़ाई की ओर पहले के मुकाबले काफी बढ़ा है। एसएसए एवं आरएमएसए बीआरसी शशि शर्मा का कहना है कि असर सर्वेक्षण रिपोर्ट में प्रदेश के बच्चे उपस्थिति दर्ज करवाने में अन्य राज्यों के मुकाबले अग्रणी आंके गए हैं।