हवा में तैरेगी सबसे ऊंची इमारत

आपने अब तक तरह-तरह की इमारतें देखी होंगी, लेकिन अब जो इमारत आपके सामने होगी वह आपके होश उड़ा देगी। हम बात कर रहे हैं दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग की जो बाकी सभी स्काईस्क्रेपर्स से बिलकुल अलग होगी। इसकी खासियत यह है कि यह अनोखी बिल्डिंग पृथ्वी पर नहीं टिकी होगी, बल्कि पृथ्वी का चक्कर लगा रहे कॉमिट (धूमकेतु या पुच्छल तारे) से लटकी होगी। चौंक गए न! एक आर्किटेक्चर फर्म ने यह अनोखा कान्सेप्ट सामने रखा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह ऐनलेमा टावर धरती की सतह से 31068 मील (लगभग 50 हजार किलोमीटर) ऊपर धूमकेतु से मजबूत केबल्स के सहारे लटका होगा। धूमकेतु के ऑर्बिटल पाथ के मुताबिक यह टावर न्यूयॉर्क और हवाना सहित कई शहरों के ऊपर से गुजरेगा। यह अनोखा डिजाइन क्लाउड्स आर्किटेक्चर ऑफिस ने तैयार किया है। यह वही कंपनी है, जिसने हाउस ऑन मार्स और क्लाउड सिटी का कान्सेप्ट भी तैयार किया था। मतलब इस कंपनी को ऐसे अजीबो-गरीब आइडियाज में महारत हासिल है। कंपनी का कहना है कि आसमान से धरती की तरफ बनने वाला यह टावर स्काईस्क्रेपर्स का पूरा कान्सेप्ट ही बदलकर रख देगा। कंपनी के प्रपोजल के मुताबिक इसे दुबई में बनाने का सुझाव दिया गया है, क्योंकि अमरीका की तुलना में यहां इसे बनाने में काफी कम खर्च आएगा। ऐनलेमा टावर विभिन्न सेक्शंस में तैयार किया जाएगा। धरती के सबसे नजदीक जो हिस्सा होगा, वह एंटरटेनमेंट, शॉपिंग और डाइनिंग के लिए होगा। इसके ऊपर ऑफिस स्पेस होगा। बीच का हिस्सा बाग-बगीचों और घरों के लिए रखा जाएगा। इस टावर में पूजा के लिए भी स्पेस होगा और सबसे ऊपर होगा फ्यूनरेरी सेक्शन। इस टावर की बिजली सप्लाई स्पेस बेस्ड सोलर पैनल्स से की जाएगी और पानी लिया जाएगा बारिश और बादलों से। यह स्काईस्कै्रपर इतना बड़ा होगा कि इसके निचले हिस्से की तुलना में ऊपरी हिस्से में दिन 45 मिनट लंबा होगा। बिल्डिंग के ऊपरी हिस्से में रहने वालों के लिए बाहर के नजारे भले ही अद्भुत होंगे, लेकिन बिना प्रोटेक्टिव सूट के वे बाहर नहीं निकल पाएंगे। क्योंकि 32000 मीटर की ऊंचाई पर लगभग वैक्यूम जैसी परिस्थिति होगी और तापमान भी -40 डिग्री होगा। कंपनी का मानना है कि निकट भविष्य में एक धूमकेतु पर कंट्रोल स्थापित करके उसकी दिशा बदलना संभव हो सकेगा। उनके इस विश्वास के पीछे यूरोपियन स्पेस एजेंसी के रॉजेटा मिशन का बड़ा हाथ है। इस मिशन में यह सामने आया था कि एक घूमते हुए धूमकेतु पर लैंड करना संभव है।