31 को शिमला आएंगे रूस के राजदूत

रोरिक आर्ट गैलरी ट्रस्ट कुल्लू की बैठक में अनातोली कार्गापोलोव करेंगे शिरकत

शिमला  —  रूस के राजदूत अनातोली कार्गापोलोव 31 मार्च को शिमला पहुंच रहे हैं। वह पहली अप्रैल को शिमला में रखी गई रोरिक आर्ट गैलरी ट्रस्ट कुल्लू की अहम बैठक में शिरकत करने पहुंचेंगे। इस बैठक में आर्ट गैलरी के लिए रूस और प्रदेश सरकार की ओर से दी जाने वाली एड के लिए लंबे समय से चल रहे विवाद पर अहम चर्चा होगी। हालांकि दो साल पहले ही ट्रस्ट की बैठक हुई। उस बैठक में भी इस मामले को लेकर चर्चा हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया। बताया जा रहा है कि रूस की ओर से जारी होने वाली ऐड में काफी समय से भारी कटौती की गई है। वहीं इस गैलरी को लेकर रूस और प्रदेश सरकार के बीच फंडिंग को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है। रूस की बेरुखी के बाद प्रदेश सरकार की ओर से भी गैलरी को लेकर ज्यादा रुचि नहीं दिखाई जा रही, क्योंकि ट्रस्ट में रूस के प्रतिनिधियों की ओर से अड़चनें पेश की जा रही हैं। इसके कारण ऐतिहासिक धरोहर के भविष्य को लेकर संकट खड़ा हो गया है। इसी मसले को लेकर ही शिमला में ट्रस्ट की बैठक आयोजित होने जा रही है, जिसमें मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी शिरकत करेंगे। रोरिक आर्ट गैलरी ब्यास नदी के बाएं किनारे नग्गर और नग्गर किले के ऊपर स्थित है। यह गैलरी उसी घर में है, जहां रोरिक रहा करते थे। रोरिक और उनका परिवार 1928 से 1947 तक यहीं रहा। यहीं पर रोरिक के बनाए अद्भुत चित्र प्रदर्शित किए गए हैं। ऊपर की मंजिल में रोरिक का आवास है, जिसे संरक्षित किया गया है। बाहर उनकी पुरानी गाड़ी एक स्मृति के रूप में खड़ी रहती है। प्रांगण में कुछ मूर्तियों के नीचे इस कलाकार की समाधि है। रोरिक 13 दिसंबर, 1947 को यहीं दिवंगत हुए थे। समाधि पर उनके अंतिम संस्कार की तिथि 15 दिसंबर, 1947 अंकित है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रोरिक न केवल एक महान चित्रकार ही थे, बल्कि पुरातत्त्ववेता, कवि, लेखक, दार्शनिक और शिक्षाविद भी थे। वह हिमालय में एक इंस्टीच्यूट स्थापित करना चाहते थे।

रोरिक ने नग्गर में बिताए 20 साल

आईएमआरटी के नाम से जाना जाने वाला यह ट्रस्ट 1922-23 में स्वेतोस्लेव और देविका रानी के प्रयासों से रूसी दूतावास, भारत सरकार और हिमाचल के सहयोग से बनाया गया था। निकोलिस रोरिक ने नग्गर में यहीं करीब 20 साल व्यतीत किए। इसी गैलरी में रोरिक पैक्ट अंतराष्ट्रीय समझौता भी हुआ, जो सांस्कृतिक संपत्तियों के संरक्षण से संबंधित है। आईआरएमटी इंडो रशियन गैर सरकारी संगठन है।