ईको टास्क फोर्स भगाएगी बंदर
उच्च स्तरीय समिति की बैठक में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने दी जानकारी
शिमला— मुख्यमंत्री ने वन्य प्राणी और बंदरों की समस्या से निपटने के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि वर्मिन (नाशक जीव) घोषित किए गए बंदरों को वैज्ञानिक तरीके से मारने के लिए ईको टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। वीरभद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने शिमला के नजदीक ‘रेस्क्यू सेंटर फॉर लाइफ केयर’ खोलने का निर्णय लिया है इसके अलावा, मादा बंदरों में गर्भ निरोधक गोलियों से प्रजनन पर नियंत्रण लगाने के प्रयास भी किए जाएंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की सचिव आशा कुमारी ने एनएच पर बंदरों को खाद्य पदार्थ खिलाने पर कानूनी कदम उठाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बंदरों तथा अन्य जंगली जानवरों के उत्पात से निपटने के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण कपूर ने कहा कि नसबंदी किए गए बंदरों की पहचान के लिए उनके माथे के बीच स्थायी टैटू उकेरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘रेस्क्यू सेंटर फॉर लाइफ केयर’ में एक हजार आवारा तथा नसबंदी किए गए बंदरों को रखने की क्षमता होंगी। कपूर ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय को 53 तहसीलों तथा उप-तहसीलों की सूची भेजी गई है, जहां बंदरों को नाशक जीव घोषित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही भारतीय वन्य प्राणी संस्थान (डब्ल्यूआईआई) देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में जंगली सूअर, सांभर तथा नील गाय को वर्मिन घोषित करने के लिए एक सर्वेक्षण किया जाएगा। शिमला के स्कूलों के समीप बंदरों की निगरानी के लिए पहरेदारों की तैनाती की गई है। प्रधान मुख्य अरण्यपाल वन्य प्राणी एसके शर्मा ने बताया कि 2015 में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर बंदरों की कुल 2,07,614 की अनुमानित आबादी में से इस वर्ष मार्च माह तक कुल 1,25,266 बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जाखू मंदिर में बंदरों के लिए एक आहार स्थल स्थापित किया जा रहा है।
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