टापरी में जेपी वर्कर्ज-बास्पा यूनियन का सम्मेलन
रिकांगपिओ – जेपी वर्कर्ज यूनियन कड़छम वांगतू व बास्पा-।। पनविद्युत परियोजना वर्कर्ज यूनियन (संबंधित सीटू) का दूसरा सम्मेलन सोमवार को किन्नौर जिला के टापरी में हुआ। सम्मेलन में 167 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आगामी एक वर्ष के लिए यूनियन के लक्ष्य भी निर्धारित किए। सम्मेलन का उद्घाटन मजदूरों और किसानों के हिमाचल के वरिष्ठ माक्वर्सवादी नेता, राकेश सिंघा ने किया। उन्होंने कहा कि बास्पा-।। पनविद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन वर्ष 2003 में शुरू हुआ और कड़छम वांगतू पनविद्युत परियोजना में विद्युत उत्पादन 2011 में शुरू हुआ, लेकिन कानुनन मजदूरों को जो सुख-सुविधाएं मिलनी चाहिए थी नहीं मिल रही। मजदूरों ने 2015 में 114 दिन की ऐतिहासिक हड़ताल करने के बाद ही कई अधिकार हासिल किए। उन्होंने कहा कि शौंगटौंग-कड़छम पनविद्युत परियोजना में पिछले 395 दिनों से मजदूर श्रम कानून लागू करने के लिए संधर्ष कर रहे हैं। पटेल कंपनी ने सैकड़ों मजदूरों को नौकरी से ही निकाल दिया। माननीय प्रदेश हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी कंपनी ने एक भी मजदूर को नौकरी पर वापस नहीं लिया। उन्होंने कहा कि आने वाला समय मजदूरों का होगा। इस अवसर पर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीटू के राज्य अध्यक्ष, जगत राम और उपाध्यक्ष बिहारी सेवगी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में तीन प्रस्ताव भी पारित किए केंद्र की भाजपा सरकार श्रम कानून में मजदूर विरोधी बदलाव न करें, निर्माणाधीन शौंगटौंग-कड़छम पनविद्युत परियोजना में पटेल कंपनी सभी मजदूरों को रोजगार पर वापस ले, जेएसडब्ल्यू कंपनी कड़छम वांगतू व बास्पा-11 पनविद्युत परियोजनाओं में कार्यरत नियमित व ठेका मजदूरों के लिए पदोन्नति व नियमितीकरण की नीति जल्द बने।
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