वजीर राम सिंह को मिले शहीद का दर्जा
नूरपुर में समारोह के दौरान श्री राजपूत सभा ने बुलंद की आवाज
नूरपूर – केंद्र सरकार वजीर राम सिंह जी को शहीद का दर्जा दे। इसके साथ ही प्रदेश सरकार धमेटा चौक जसूर का नाम वजीर राम सिंह पठानिया चौक रखे। यह मांग श्री राजपूत सभा ने की है। जानकारी के अनुसार श्री राजपूत सभा नूरपूर ने वीर शिरोमणि वजीर राम सिंह पठानिया की 193वीं जयंती उनके पैतृक गांव वासा बजीरा में पुखरी काली माता मंदिर में मनाई गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री राजपूत सभा नूरपुर के चेयरमैन मनोज पठानिया ने की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम सब को वजीर राम सिंह जी के आदर्शों पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज से 193 वर्ष पूर्व 10 अप्रैल, 1824 को जन्मे वीर शिरोमणि वजीर राम सिंह पठानिया को शहीद हुए 160 वर्ष बीत चुके हैं। तत्कालीन अंग्रेज शासक उन्हें अपना प्रमुख शत्रु मानते थे, परंतु स्वतंत्र भारत के शासकों द्वारा उनके बलिदान को उपयुक्त महत्त्व न देना इस महान योद्धा के साथ अन्याय है। वजीर राम सिंह ने अपनी मातृभूमि की स्वाधीनता, स्वाभिमान एवं विदेशी शासकों की विस्तारवादी नीति का प्रतिरोध करते हुए 1846-1849 तीन वर्ष तक सशस्त्र संघर्ष करते हुए शक्तिशाली अंग्रेजों का सामना किया। उन्होंने कहा कि इस सबके बावजूद इतिहास के पन्नों में वीर शिरोमणि को उचित स्थान नहीं दिया गया। इस मौके पर रशपाल पठानिया, राजिंद्र संबियाल, जोगिंद्र पठानिया, डा. संजीव गुलेरिया, कुलदीप भड़वाल, ओम प्रकाश, भूरि सिंह, शेखर पठानिया, हरि सिंह, ऋषि पठानिया, बलवान पठानिया, स्वर्ण राणा, जनक पठानिया, ओंकार पठानिया, संदीप, दलजीत, संयम पठानिया, मनोज आदि उपस्थित थे।
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