अच्छाई से मिली अच्छाई

तीन राजकुमार अपने काम की तलाश में शहर से बाहर गए। दो राजकुमारों ने तो काम ढूंढ लिया और अपने काम में लग गए, पर तीसरे राजकुमार ने  वहीं एक पेड़ के नीचे डेरा लगा लिया। थोड़ी देर के बाद एक साधु वहां से गुजर रहा था। उसने राजकुमार को  कहा- बच्चे क्या परेशानी है। राजकुमार ने कहा बाबा मैं काम की तलाश में आया हूं, पर कोई काम नहीं मिला रहा। साधु बोला उस समुद्र के पास जाओ उस तलाब में मछलियां रहती हैं, उनको रोज दाना डालो फिर देखो। साधु अपनी बात कहकर वहां से चला गया।  पहले  राजकुमार ने सोचा कि मछलियों को दाना डालने से क्या होगा, पर चलो साधु ने बोला है तो। राजकुमार उठा समुद्र के पास गया और मछलियों  को दाना डालने लगा। समुद्र में रोज-रोज अनाज मिलने से समुद्र की सारी मछलियां आने लगी थीं। उनके साथ उनका राजा भी आता था। जब राजकुमार ने अनाज फेंकना बंद कर दिया तो मछलियों के राजा ने अपनी प्रजा से कहा कि पिछले छह महीने से तो हमें आसानी से अनाज मिलता रहा, लेकिन अब बंद क्यों हो गया। लगता है राजकुमार के पास धन खत्म हो गया है। हां महाराज, यही लगता है। मछलियां बोल पड़ीं। तो तुम लोग उसे समुद्र्र से मोती निकालकर क्यों नहीं देतीं। खैर अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है। आज रात को हम सारी मछलियां एक-एक मोती राजकुमार को दे आएंगी। रात होने पर मछलियों ने राजकुमार के तंबू के पास मोतियों का ढेर लगा दिया। पानी में आने-जाने से एक विशेष प्रकार की सरसराहट से राजकुमार की नींद खुली तो उसने जब मोतियों का ढेर लगा देखा तो उसे दुख होने लगा कि उसने अकारण ही मन में पता नहीं क्या-क्या सोच लिया था। अब उसने फिर से मछलियों को पहले से ज्यादा अनाज देना शुरू कर दिया। बड़े राजकुमारों के आने से पूर्व उसने एक-एक मोती को एक-एक उपले में छिपा दिया ताकि वह उसकी कमाई को न देख पाएं। कुछ समय बाद दोनों राजकुमार भी वहां पहुंच गए। एक ने कपड़े का व्यवसाय कर खूब धन एकत्र किया था और दूसरे ने दुकान खोलकर। छोटे राजकुमार की कमाई के नाम पर उपले देखकर उन्होंने उसका बहुत मजाक उड़ाया। अगले दिन तीनों राजकुमार अपना-अपना सामान लादकर अपने देश को लौट गए। देश पहुंचने पर उनका बहुत स्वागत हुआ। बड़े राजकुमारों की कमाई की दरबारियों ने खूब प्रशंसा की, पर छोटे राजकुमार के उपले देखकर सब हंसने लगे, लेकिन जब उसने राजा को सारी असलियत के बारे में बताया तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं। सब छोटे राजकुमार की जय जयकार करने लगे और कहने लगे यही हमारा राजा बनने के लायक है और फिर छोटे  राजकुमार को राजा बना दिया गया।