अस्पताल में भी अनशन

स्थायी नीति की मांग को लेकर प्रशिक्षित परिचालक 22 दिन से डटे हड़ताल पर

शिमला — स्थायी नीति की मांग को लेकर प्रशिक्षित परिचालकों ने अस्पताल में भी अनशन शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ प्रशिक्षित परिचालकों का अनशन शनिवार को 22वें दिन में प्रवेश कर गया है। अनशनकारियों ने अस्पताल में भी आमरण अनशन जारी रखा है। प्रशिक्षित परिचालक संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि जब तक सरकार प्रशिक्षित परिचालकों के लिए ठोस नीति नहीं बनाती है, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा। आमरण अनशन पर बैठे संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष नरेश पठानिया, जीत सिंह और अमित कुमार की तबीयत बिगड़ने पर 19 अप्रैल को आईजीएमसी अस्पताल में भर्ती किया गया था। उधर, प्रशिक्षित बेरोजगार परिचालक अशोक कुमार की तबीयत बिगड़ने पर रिपन अस्पताल से आईजीएमसी रैफर किया गया, मगर अब इन अनशनकारियों ने अस्पताल में भी अनशन जारी रखा हुआ है।  हिमाचल पथ परिवहन निगम द्वारा प्रशिक्षित बेरोजगार परिचालक संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष नरेश पठानिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन अब अनशन स्थल पर बैठे बेरोजगार परिचालकों को वहां से हटने के लिए दबाव बना रहा है। यदि पुलिस द्वारा ऐसी कोई भी कार्रवाई की जाती है तो प्रदेश भर के बेरोजगार परिचालक विधानसभा के पास एकत्रित होकर चक्का जाम करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि पुलिस द्वारा बेरोजगार परिचालकों पर बल प्रयोग किया जाता है तो वे सचिवालय के बाहर आत्मदाह करेंगे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक अपना आमरण अनशन पथ परिवहन निगम की बेरोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ कर रहे हैं और उन्हें अनशन करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को 22 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे बेरोजगार परिचालकों की सुध लेने की फुर्सत नहीं है।