आईटीआई में भूत!…छात्राएं फिर बेहोश

स्वारघाट –  स्वारघाट आईटीआई में दिनदहाड़े अजीबो-गरीब घटनाएं होने का मामला मंगलवार को भी जारी रहा। बता दें कि मंगलवार सुबह जब स्वारघाट आईटीआई में सभी बच्चे प्रार्थना सभा में थे तो कुछ छात्राओं ने एक बार फिर से चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया और बेसुध होकर कुछ छात्राएं जमीन पर गिर पड़ीं। इससे एक बार फिर से पूरी आईटीआई में अफरा-तफरी मच गई। आईटीआई में सुबह-सुबह ही जोर-जोर से चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनकर लोगों का हुजूम आईटीआई के बाहर व सड़क पर एकत्रित हो गए। वाहन चालक भी यहां रुक-रुक कर यह सब देखते रहे। बता दें कि इससे पूर्व सोमवार दोपहर को भी इस तरह की घटना पेश आई थी और चार-पांच छात्राओं ने इसी तरह का अजीबो-गरीब बर्ताव किया था। आपको ये भी बता दें कि कि करीब डेढ़ हफ्ते पहले भी एक-दो छात्राओं को यह  समस्या आई थी तो वहीं बीते सप्ताह शनिवार को भी एक छात्रा भयभीत होकर चीख पुकार करने लगी थी। पिछले सात-आठ वर्षों से स्वारघाट आईटीआई इसी भवन में चल रही है, लेकिन इससे पूर्व ऐसी कोई घटना नहीं हुई। पिछले कुछ हफ्तों से ही अजीबो गरीब घटनाए पेश हो रही है। आईटीआई  प्रबंधन ने अपने स्तर पर फिर से बचाव कार्य किए, लेकिन वे सब नाकाफी थे और आईटीआई में छात्राओं की चीख पुकार फिर भी जारी रही द्य आईटीआई प्रबन्धन ने छात्राओं के अभिभावकों को भी सूचित किया। इसके बाद कई  तांत्रिकों को बुलाकर छात्राओं की झाड़ फूंक करवाई गई तब जाकर छात्राए शांत हुई। इसके बाद छात्राओं को आईटीआई से छुट्टी कर दी गई। आईटीआई में हो रही इस तरह की अजीबो-गरीब घटनाओं से चर्चाओं का बाजार भी पूरी तरह से गर्म है। लोगों का कहना है कि आईटीआई में किसी बुरी आत्मा का वास है।

आईटीआई पहुंचे तहसीलदार जसपाल

ग्राम पंचायत कुटैहला के उपप्रधान बालकृष्ण ठाकुर भी दोपहर बाद आईटीआई प्रबंधन से मिले। उन्होंने कहा कि आईटीआई प्रबंधन की जिम्मेदारी थी। पीडि़त छात्राओं की चिकित्सीय जांच न करवाकर भूत-प्रेतों के होने जैसे अंधविश्वास में फंसा हुआ है। ऐसे में अगर किसी छात्रा को कुछ हो जाता तो कौन इसके लिए जिम्मेदार होता। प्रबंधन को चाहिए था कि प्राथमिक चिकित्सा केंद्र स्वारघाट ले जाते। इसके बाद अभिभावकों को बुलाते और वे अपने स्तर पर उनकी जांच करवाते। तहसीलदार जसपाल ने भी आईटीआई का दौरा किया और प्रिंसिपल को सख्त हिदायत दी कि  शैक्षणिक संस्थान में झाड़-फूंक करवाना गलत है।