आस्ट्रिया ने रिजेक्ट की चामुंडा-होली टनल

धर्मशाला —  आस्ट्रिया की कंपनी की स्टडी रिपोर्ट ने चामुंडा-होली टनल की फिजिबिलिटी और हिमाचल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को फेल कर दिया है। अब प्रदेश का जनजातीय क्षेत्र चंबा जिला के होली-भरमौर प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला से नहीं जुड़ पाएंगे। आस्ट्रिया की कंपनी ने बैजनाथ के उतराला-होली और चांमुडा-होली टनल की सर्वे रिपोर्ट स्टेट रोड प्रोजेक्ट शिमला को सौंप दी है। सर्वे रिपोर्ट में टेक्निकल फिजिबिलिटी और आर्थिक रूप से अत्यधिक खर्च का हवाला दिया गया है। इसके कारण अब जनजातीय क्षेत्र चंबा जिला कांगड़ा सहित प्रदेश के अन्य भागों से कटा ही रहेगा। होली-चामुंडा टनल के निर्माण होने से भारतीय सेना की पंहुच चंबा, कश्मीर और पाक बार्डर में पहुंचने के लिए आसान हो सकती थी। साथ ही पर्यटन उद्योग और जनजातीय क्षेत्र के हजारों लोगों को बड़ी सुविधा मिलना तय था, लेकिन अब आस्ट्रिया की फिजिबिलिटी की रिपोर्ट ओके न होने से लंबे समय में से उठाई जा रही लोगों की मांग पर भी पानी फिर गया है। पिछले कई वर्षों से जनजातीय क्षेत्र भरमौर के निवासियों द्वारा यह मांग की जा रही है कि क्षेत्र को टनल और सड़क के माध्यम से कांगड़ा जिला के साथ जोड़ा जाए। इसके चलते होली-उतराला सड़क का निर्माण कार्य भी शुरू किया गया, लेकिन सड़क निर्माण कार्य लाके मंदिर से मात्र तीन किलोमीटर आगे तक ही पहुंच पाया है। उतराला से भी अब तक सड़क मार्ग अधर में ही लटका है। वहीं प्रदेश की सरकार द्वारा होली-उतराला और फिर चामुंडा-होली सुरंग निर्माण की घोषणा की गई थी। लंबे समय तक प्रोपोजलों और रिपोर्टों पर लोक निर्माण विभाग द्वारा कार्य किया गया। बाबजूद इसके चामुंडा-होली टनल को लेकर रिपोर्टों से आगे कोई भी कार्य नहीं हो सका। सुरंग निर्माण से भरमौर-कांगड़ा की दूरी 280 किलोमीटर से घट कर मात्र 10 किलोमीटर हो जानी थी। सुरंग के बन जाने से जनजातीय क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में सड़क मार्ग बंद रहने पर विकल्प बनना था। सुरंग निर्माण से पर्यटन, सेब उत्पादन सहित अन्य कई कारोबारों से युवाओं के लिए स्वरोजगार के द्वार खुलने तय थे।