ऑनलाइन चलेगा लोक सेवा आयोग

सीएम वीरभद्र सिंह ने किया ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट का शुभारंभ

शिमला – हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की ई-गवर्नेंस परियोजना कर शुभारंभ सोमवार को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने किया। इस परियोजना के तहत अभ्यर्थियों को ऑनलाइन सेवाएं, ऑनलाइन पाठ्य सामग्री, विभागीय पदोन्नति समितियों के मामलों के शीघ्र समाधान, फेसिलिटेशन केंद्रों की स्थापना, डाटाबेस केंद्र इत्यादि सेवाएं प्रदान की जाएंगी। आयोग इसके तहत इच्छुक अभ्यर्थियों की सुविधा के लिए वेब के माध्यम से कई प्रकार की पद्धतियां विकसित कर सकेगा, जिनमें फेसिलिटेशन केंद्र की स्थापना एवं परीक्षाओं का डाटाबेस, विभिन्न परीक्षाओं के आयोजन के लिए पाठ्यक्रमों का निर्धारण एवं उनके लिए नमूना प्रश्नपत्रों की संरचना इत्यादि शामिल हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न पदों के चयन में राज्य के सभी क्षेत्रों को बराबर प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में असमानता के चलते प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को ध्यान में रखते हुए लोक सेवा आयोग को उन्हें भी मौका देना चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि मैरिट से समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि चाहे वे चीन या तिब्बत के साथ लगते सीमावर्ती क्षेत्र हों या अन्य दूरवर्ती क्षेत्र, आयोग को सभी अभ्यर्थियों का समान रूप से ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि नियुक्तियों में योग्यता को दरकिनार नहीं किया जा सकता। निष्पक्षता, अखंडता, कठिन परिश्रम तथा पारदर्शिता किसी भी चयन प्रक्रिया की विशेषताएं होनी चाहिएं। वीरभद्र सिंह ने कहा कि ई-गवर्नेंस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से भारत के सभी राज्य लोक सेवा आयोगों में भी इसे अपनाया जाएगा, जिसका श्रेय संभवतः हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग को जाएगा। एचपीपीएससी ने चयन प्रक्रिया में अनेक सुधार किए हैं, जिससे नियुक्तियों में पारदर्शिता तथा विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी। इन सुधारों में अभ्यर्थियों द्वारा स्वेच्छा से हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में साक्षात्कार देना शामिल है। इस सुविधा का लाभ अंग्रेजी भाषा में खुलकर संवाद न कर पाने वाले विशेषकर ग्रामीण पृष्ठभूमि के प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों को मिलेगा। इस मौके पर पंजाब लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ले. जनरल एनएस हीरा, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. एनएस बिष्ट, मुख्य सचिव वीसी फारका, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष मोहन झारटा, एचपीपीएससी के पूर्व अध्यक्ष तथा सदस्य भी उपस्थित थे।

5.24 करोड़ की है परियोजना

हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष केएस तोमर ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया तथा ई-गवर्नेंस परियोजना की मुख्य विशेषताओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि करीब 5.24 करोड़ की लागत का यह प्रोजेक्ट पायलट परियोजना के तहत हिमाचल लोक सेवा आयोग द्वारा लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षाओं का संचालन संभव हो सकेगा। यह परियोजना तीन वर्षों में कार्यान्वित होगी। परियोजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय सूचना एवं विज्ञान केंद्र सेवा संस्था के सहयोग से पूरा किया जाएगा।