..और गुरुजी का कट जाता है चालान

धर्मशाला – स्मार्ट सिटी में पार्किंग सबसे बड़ी टेंशन है। कुछ स्पॉट्स तो ऐसे हैं,जहां जिला व प्रदेश भर से लोगों का आना-जाना रहता है। प्रदेश के अग्रणी मीडिया ग्रुप ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने पिछले अंक में जिला परिषद हाल के बाहर पार्किंग न होने से लगने वाले जाम की सच्चाई बयां की थी। इस बार शिक्षा विभाग के उन दो महत्त्वपूर्ण कार्यालयों के हाल बताएंगे, जिनसे जिला के ज्यादातर छात्र और शिक्षक किसी न किसी तरह से जुड़े हुए हैं। कचहरी चौक के निकट चल रहे उच्च और प्रारंभिक शिक्षा विभाग के आफिस में  पार्किंग न के बराबर है। ये आफिस जिला परिषद हाल के करीब हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे इन दो जगहों पर जाम तो लगता ही होगा,साथ ही सड़क पर मजबूरी में गाड़ी पार्क कर चालान अलग से कटवाना पड़ता होगा। इन कार्यालयों के  कैंपस इतने छोटे हैं कि इनमें अपने स्टाफ की गाडि़यां मुश्किल से खड़ी हो पाती हैं। मामला बेहद गंभीर है, लेकिन शिक्षा विभाग ने पार्किंग की समस्या से निजात दिलाने के लिए अब तक कोई भी पहल नहीं की है। जिला के सभी राजकीय वरिष्ठ, उच्च, मिडल व प्राइमरी स्कूलों के सभी कार्य विभाग में किए जाते हैं। इसके चलते मुखियाओं, अध्यापकों और स्टाफ को भी आना पड़ता है, लेकिन यहां उन्हें उलटी टेंशन झेलनी पड़ती है।

हनुमान मंदिर के पास चालान

कालेज रोड में हनुमान मंदिर से लेकर पुलिस मैदान तक सड़क किनारे पार्किंग करने पर पुलिस विभाग द्वारा चालान थमा दिया जाता है। ऐसे में स्कूल के अध्यापकों और अन्य स्टाफ को छात्रों का काम करवाना खूब महंगा पड़़ रहा है।

पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं

प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभाग के पास पार्किंग की कोई भी व्यवस्था नहीं है। इतना ही नहीं विभाग के अपने कर्मचारियों के वाहन भी प्रांगण में सही से पार्क नहीं हो पाते हैं। विभागों के कर्मचारियों को भी पुलिस मैदान के साथ लगते मैदान में अपने वाहन पार्क करके पहुंचना पड़ता है। ऐसे में स्मार्ट सिटी की व्यवस्थाओं को लेकर भी अब बुद्धिजीवी और शिक्षाविद सवाल उठा रहे हैं।