कामयाबी के लिए आठ साल संघर्ष

बालीवुड में गुलशन बावरा को एक ऐसे गीतकार के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपने भावपूर्ण गीतों से लगभग तीन दशकों तक श्रोताओं को अपना दीवाना बनाया। हिंदी भाषा और साहित्य के करिश्मायी व्यक्तित्व गुलशन कुमार मेहता उर्फ गुलशन बावरा का जन्म 12 अप्रैल, 1937 को लाहौर शहर के निकट शेखपुरा में हुआ था। गुलशन को फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत में काफी संघर्ष करना पड़ा। इस बीच गुलशन की मुलाकात संगीतकार जोड़ी कल्याण जी-आनंद जी से हुई, जिनके संगीत निर्देशन में गुलशन बावरा ने फिल्म ‘सट्टा बाजार’ के लिए ‘तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे’ गीत लिखा, लेकिन इस फिल्म के जरिए वह कुछ खास पहचान नहीं बना पाए। लगभग आठ वर्ष तक मायानगरी में उन्होंने अथक परिश्रम किया। आखिरकार उन्हें निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार की फिल्म ‘उपकार’ में गीत लिखने का मौका मिला। गुलशन ने जब ‘मेरे देश की धरती सोना उगले’ गाकर मनोज कुमार को सुनाया तो वह बहुत खुश हुए। इसके बाद गुलशन बावरा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गुलशन बावरा ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया। गुलशन बावरा को दो बार फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ गीतकार से नवाजा गया। अपने रचित गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाले गुलशन बावरा सात अगस्त, 2009 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।