कैंसर के इलाज को क्यूबा जा रहे अमरीकी

अमरीका के इतिहास में यह पहला मौका है, जब वह कैंसर की एक ऐसी अनूठी दवा का अपने यहां परीक्षण कर रहा है, जिसे लगभग 50 साल से प्रतिबंध झेल रहे क्यूबा ने विकसित किया है। उसके कई नागरिक सारे प्रतिबंधों को दरकिनार करके कम्युनिस्ट देश में इलाज भी करवा रहे हैं। क्यूबा के वैज्ञानिकों ने फेफड़े के कैंसर के लिए ‘किमवाक्स’ नामक दवा इजात की है, जिससे मरीजों को काफी फायदा पहुंच रहा है। क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार के साथ कई मरीज ऐसे हैं, जो कई साल तक जीवित हैं, जिन्हें चिकित्सकों ने बस कुछ दिनों का मेहमान बताया था। यह दवा खून में मौजूद एक ऐसे प्रोटीन से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है, जो फेफड़े के कैंसर के लिए जिम्मेदार है। एक बार इलाज शुरू होने के बाद दवा को प्रति माह इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। इस दवा का परीक्षण न्यूयार्क के बुफालो स्थित रोसवेल पार्क कैंसर इंस्टीच्यूट में किया जा रहा है। इंस्टीच्यूट के प्रतिरक्षा विभाग के अध्यक्ष डा. केल्विन ली ने कहा कि वह क्यूबा के वैज्ञानिकों की कुशलता और सफलता के कायल हैं। क्यूबा के साथ अमरीका का व्यापार सहित सभी तरह के सहयोग प्रतिबंधित है, इसलिए दवा के परीक्षण के लिए अमरीका को विशेष अनुमति की आवश्यकता पड़ी।  क्यूबा में लोगों को इलाज के लिए पैसे नहीं खर्च करने पड़ते हैं। उन्हें सरकार मुफ्त में यह सेवा मुहैया कराती है। इसलिए क्यूबा के लोगों को किमवाक्स की कीमत पता नहीं है। इस देश के नागरिकों को इस दवा को लेकर अपनी सरकार पर नाज है। अमरीका की 65 वर्षीय लुसरेसिया डे जीजस रुबिल्लो पिछले साल सितंबर में क्यूबा की राजधानी हवाना आई थीं। उनके एक पैर में दर्द था। जांच में पता चला की उन्हें चौथे चरण का फेफड़े का कैंसर है। डाक्टरों ने उन्हें बस दो अथवा तीन माह जीवन के दिए थे। अब मैं क्यूबा में इलाज करवा रही हूं और बेहतर महसूस कर रही हूं। मैं यहां व्हीलचेयर पर आई थी और अब पांचवी मंजिल से ऊपर-नीचे चलती हूं।