घर-घर बिजली पहुंचाने में फंसा बोर्ड

केंद्र की शर्तों के मुताबिक कोई निजी कंपनी तैयार नहीं, तीन बार हो चुके टेंडर

शिमला – प्रदेश के गांवों में घर-घर तक बिजली कनेक्शन पहुंचाने के लिए मिली केंद्रीय योजना ने बोर्ड प्रबंधन को फंसाकर रख दिया है। निजी कंपनियां इसके लिए रुझान नहीं दिखा रही हैं और यही कारण है कि तीन दफा टेंडर होने के बाद भी कोई कंपनी फाइनल नहीं हो पा रही है। सूत्रों के अनुसार इस मामले पर निर्णय लेने के लिए मामला प्रदेश सरकार को भेजा गया है, जो तय करेगी कि आखिर इस केंद्रीय योजना को कैसे सिरे चढ़ाया जाए। तीसरी दफा टेंडर करने पर भी अलग-अलग जगहों पर कहीं एक ही कंपनी आगे आई है, तो कहीं कोई भी नहीं। ऐसे में नियमों के तहत एक कंपनी के आवेदन पर उसे काम नहीं दिया जा सकता, जिसमें केंद्र सरकार की भी कड़ी शर्तें हैं। केंद्र सरकार ने इसमें शर्त रखी है कि निर्धारित कंपनियां सामान भी अपने पास से ही देंगी, लेकिन कोई इसके लिए तैयार नहीं है। इसके साथ कुछ और मामले भी हैं, जिसमें निजी कंपनियों को उतना लाभ नहीं हो रहा है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत इस साल प्रदेश को 300 करोड़ रुपए से अधिक की राशि मिलनी है और इस राशि को प्रदेश के गांवों में लगाया जाना है। ग्रामीण स्तर पर घरों को बिजली पहुंचाने के लिए यह योजना है, जिसमें बिजली के नए कनेक्शन भी दिए जाएंगे। विधानसभा बजट सत्र के दौरान भी सदन में ये मामला उठाया गया था, जिस पर विधायकों ने खूब तल्खी भी दिखाई। वहां ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह ने खुद माना था कि सभी घरों को बिजली एकदम से नहीं पहुंचाई जा सकती, लेकिन केंद्रीय योजना के तहत अधिकांश गांवों में हर घर को कनेक्शन दिए जाने का प्रयास किया जाएगा, लेकिन यह योजना यहां अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई है।

खुद सामान खरीदने की सोच रहा बोर्ड

इस मामले में बिजली बोर्ड एक कंपोनेंट के तहत सामान खुद खरीदकर देने की सोच रहा है, लेकिन निर्णय नहीं हो पाया है। अब सरकार को इसका विस्तृत ब्यौरा भेजा गया है, जिनसे फैसला लेने का आग्रह किया है। इस मामले को भी कैबिनेट के ध्यान में लाया जा सकता है, क्योंकि यह केंद्रीय योजना चालू करने का मसला है और इसमें पैसा भी केंद्र सरकार को ही देना है। ऐसे में कितनी जल्दी सरकार इस पर निर्णय लेती है, इसका इंतजार है। वैसे जिन कंपनियों ने अलग-अलग स्थानों पर आवेदन कर रखे हैं, उनके प्रोपोजल भी इसी महीने देखे जाएंगे।