घर-स्कूल को दो किताबों के सेट

नगरोटा गाजियां स्कूल की अनूठी पहल, स्कूल बैग का बोझ होगा कम

भोरंज  – कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो सफलता के सेतु स्वयं बन जाते हैं। ऐसा की कुछ राजकीय माध्यमिक पाठशाला नगरोटा गाजियां ने कर दिखाया है। स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने व बच्चों के स्कूल बैग के बोझ को कम करने की अनूठी पहल की है। यह प्रयास अभिभावकों और अध्यापकों ने मिलकर किया है। स्कूल मुख्याध्यापक राजीव शर्मा ने  बताया कि स्कूल में अध्यापकों द्वारा दो-दो पुस्तकों के सेट दिए गए हैं, ताकि बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम हो सके। उन्होंने बताया कि एक सेट बच्चे स्कूल में रखेंगे और एक सेट घर में पढ़ाई के लिए रखेंगे। इससे बच्चे कापियां ही स्कूल बैग में लाएंगे और घर ले जाएंगे। स्कूल में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए अंग्रेजी माध्यम भी शुरू किया है। स्कूल में सभी विषयों के अध्यापक हैं। हालांकि आज के दौर में सभी अपने बच्चों को उच्च प्रकार की शिक्षा देने में प्रयासरत हैं और निजी स्कूलों के आकर्षण में फंसे हैं। वहीं, नगरोटा गाजियां स्कूल की पहल सराहनीय है। उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा के गिरते स्तर व मूलभूत सुविधाओं की कमी से कई गावों में स्कूल बंद होने की कगार पर पहुंचने के बाद अब कुछ शिक्षक ही इनका अस्तित्व बरकरार रखने के लिए आगे आए हैं। यहां स्कूल प्रबंधन कमेटी के प्रयास भी कम नहीं आंके जा सकते हैं। हालांकि सरकारी विद्यालयों में कई योजनाएं भी चलाई गई हैं। स्कूलों में मुफ्त किताबें, मुफ्त वर्दी, छात्रवृत्तियां, ग्रेडिंग सिस्टम, खेलकूद, पुस्तकालय आदि सुविधाओं के साथ समारोह विभिन्न प्रतियोगिताएं भी करवाई जाती हैं तथा फीस भी न के बराबर है।