जंगल से निकाली जा रही अवैध सड़क

स्वारघाट —  उपमंडल झंडूता के तहत आने वाली ग्राम पंचायत सलवाड के गांव बल्हचलोग के जंगल से चंगरोट के लिए रात के समय वन भूमि से अवैध सड़क निकालने का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है और कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। बल्हचलोग के ग्रामीणों ने पे्रस को जारी विज्ञप्ति में बताया कि चंगरोट के कुछ परिवार अपने फायदे के लिए बल्हचलोग जंगल से स्वयं रातोंरात सड़क बना रहे हैं। जहां से सड़क निकाली जा रही है वह सरकारी व वन भूमि है और वहां पर चील, खैर के पौधों का घना जंगल है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग एक ओर तो जंगलों में हर साल पौधारोपण करवाता है, वहीं दूसरी तरफ शरारती तत्त्वों द्वारा वन संपदा को नुकसान पहुंचाया जाता है, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती।  शिकायतकर्ताओं का कहना है कि करीब डेढ़ माह से इस सड़क का कार्य चला हुआ है और रात के समय जेसीबी मशीन लगाई जाती है तथा सड़क के रास्ते में आने वाले पेड़-पौधों को भी रातोंरात ही ठिकाने लगाया जाता है। पहले तो उन्होंने वन विभाग के कर्मचारियों को कई बार मौखिक रूप से शिकायत की, लेकिन कोई करवाई नहीं हुई। करीब एक माह पहले उन्होंने वन परिक्षेत्र अधिकारी कार्यालय कलोल में इसकी लिखित रूप से शिकायत की थी, लेकिन इसके बावजूद विभाग ने जंगल की सुध नहीं ली है और कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं गया है। आलम यह है कि अभी भी अवैध रूप से सड़क निकालने का कार्य धड़ल्ले से चला हुआ है और अब तक करीब पांच किलोमीटर से अधिक सड़क निकाली जा चुकी है। शिकायतकर्ताओं ने सड़क का वीडियो भी वायरल किया है, जिसमें साफ  पता चल रहा है कि सड़क बनाते समय सैकड़ों पेड़ आए होंगे जिन्हें ठिकाने लगाया गया होगा।