जलती गर्मी से बचें

जहां सर्दी में खुद को सिर्फ ठंड से बचाना मुख्य काम होता है, वहीं गर्मियों में फूड प्वाइजनिंग, डीहाइड्रेशन और लू कुछ मुख्य बीमारियां होती हैं। लू के मरीजों में तेज बुखार, पानी की कमी और पसीना न निकलने जैसे लक्षण होते हैं…  

गर्मी के दिनों में रोजाना करीब 500 मिली से 1000 मिली  तक पानी पसीने से निकाल जाता है। इसलिए अतिरिक्त पानी लेने की जरूरत होती है, तो शरीर में पानी की कमी न होने दें। नींबू नमक पानी, नारियल पानी आदि के जरिए पानी की पूर्ति करें। किडनी की बीमारी और हार्ट फेल्योर वाले अतिरिक्त पेय लेने से पहले अपने डाक्टर से परामर्श ले लें….

बढ़ती गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ा रखे हैं। ऐसे में लोग कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ गए हैं। डायरिया, फूड प्वाइजनिंग, गर्मी, लू घर में दस्तक दे चुकी है। इस भयंकर गर्मी में लोगों के लिए खुद को हेल्दी बनाए रखना पहले से ज्यादा जरूरी हो गया है।

लू लगने के लक्षण

सर्दियों के मुकाबले गर्मियां ज्यादा बीमारियों के साथ आती हैं। जहां सर्दी में खुद को सिर्फ ठंड से बचाना मुख्य काम होता है, वहीं गर्मियों में फूड प्वाइजनिंग, डीहाइड्रेशन और लू कुछ मुख्य बीमारियां होती हैं। लू के मरीजों में तेज बुखार, पानी की कमी और पसीना न निकलने जैसे लक्षण होते हैं। अकसर ऐसी स्थिति में शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में बाहरी या एक्जीलियरी तापमान विश्वसनीय नहीं होता।

खूब पिएं पानी

हीट क्रैम्प्स गर्मी की सबसे हल्की समस्या होती है, जिसकी वजह से नमक और पानी की कमी हो जाती है। हीट एग्जॉशन मध्यम किस्म की समस्या है, जिसमें पसीना तो आता रहता है, लेकिन लू लगने पर समय रहते उपचार की जरूरत होती है। लू के मरीजों में तेज बुखार, डीहाइड्रेशन और पसीना न निकलने जैसे लक्षण होते हैं। अकसर ऐसी स्थिति में शरीर का तापमान 106 डिग्री फारेनहाइट से अधिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में बाहरी या एक्जीलियरी तापमान विश्वसनीय नहीं होता। प्रभावित लोगों को चाहिए कि वे आठ से 10 लीटर तरल पेय लें।

कुछ जरूरी टिप्स

एंटी एलर्जी दवाएं लेने वाले लोगों और बूढ़े लोगों में लू लगना आम है। अगर व्यक्ति को बुखार है और उसे होश नहीं आ रहा, तो यह गर्मी संबंधी समस्या हो सकती है। गर्मी के दिनों में रोजाना करीब 500 मिली से 1000 मिली तक पानी पसीने से निकालता है। अतः अतिरिक्त पानी की जरूरत होती है, तो शरीर में पानी की कमी न होने दें। नींबू नमक पानी और नारियल पानी आदि के जरिए पानी की पूर्ति करें। किडनी की बीमारी और हार्ट फेल्योर वाले को अतिरिक्त पेय लेने से पहले अपने डाक्टर से परामर्श ले लें। पसीने की मौजूदगी या गैरमौजूदगी का पता हाथ की जांच से लगाया जा सकता है। हाथों के सूखे होने का मतलब गंभीर डीहाइड्रेशन हो सकता है। गर्मी के दिनों में हर व्यक्ति को आठ घंटे के अंदर एक बार टायलेट जरूर जाएं। अगर आठ घंटे तक टायलट नहीं जाते, तो यह गंभीर डीहाइड्रेशन हो सकता है।  इस मौसम में पीलिया, टायफाइड, गैस्ट्रोएन्टाइटिस और हैजा जैसी बीमारियों से बचाव हो सकता है।