टांडा में गर्भवतियों को सप्लीमेंट्री डाइट

By: Apr 7th, 2017 12:15 am

newsटीएमसी — भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए जननी-शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके) की सप्लीमेंट्री डाइट की सुविधा अब टीएमसी में भी मिलेगी। अस्पताल प्रशासन की ओर से इसे शुरू करने के लिए सारी औपचारिकताएं शुरू की जा रही हैं। अस्पताल प्रशासन खाद्य वस्तुएं के कूपन छपवा रहा है। इनमें पांच से छह तरह की खाद्य वस्तुओं को कोट किया गया है। हर वस्तु के सामने उसका रेट लिखा होगा। कूपन में केला, उबला हुआ अंडा, रीयल जूस, बिस्कुट और फ्रूट केक जैसी आइटमों को शामिल किया गया है। बस वह कूपन दुकान में देना होगा और उसके बदले वह खाद्य वस्तु महिला को दे दी जाएगी। जानकारी के अनुसार अस्पताल प्रशासन की ओर से इसके लिए तीन दुकानें चिन्हित की गई हैं। इनमें एक जूस बार भी है। जेएसएसके के तहत प्रसूति के बाद महिलाओं को दी जाने वाली सप्लीमेंट्री डाइट प्रदेश के कई अस्पतालों में नहीं दी जा रही है। टीएमसी भी इनमें एक है। ‘दिव्य हिमाचल’ ने कुछ दिन पहले यह मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित किया था। टीएमसी ने इस पर काम शुरू कर दिया है, लेकिन प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में यह सुविधा गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रही है। जेएसएसके में डिलीवरी के बाद महिलाओं में आने वाली कमजोरी को रिकवर करने के लिए सप्लीमेंट्री डाइट का प्रावधान है। बहरहाल अब महिलाओं को प्रसूति के बाद सप्लीमेंट्री डाइट मिलने शुरू हो जाएगी।

नॉर्मल डिलीवरी पर तीन दिन डाइट

सप्लीमेंट्री डाइट में नॉर्मल डिलीवरी के बाद तीन दिन तक महिलाओं को अस्पताल में रखे जाने के दौरान उन्हें रोजाना तीस रुपए की सप्लीमेंट डाइट देने का प्रावधान है। जिन महिलाओं की डिलीवरी सिजेरियन होती है, उन्हें यह सुविधा सात दिन तक मिलती है। टीएमसी में रोजाना 35 से 40 महिलाओं की डिलीवरी होती है। इनमें 10-12 केस सिजेरियन भी होते हैं। अब प्रसूति के बाद यहां सभी महिलाओं को यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी।


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