डंगेहड़ा में ‘हरे गोबिंदा-हरे गोपाला’

ऊना – डंगेहड़ा स्कूल के समीप शनिवार को धार्मिक समागम का आयोजन किया गया। समागम में वेदांताचार्य अधिष्ठाता 1008 स्वामी सुग्रीवानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को प्रवचनों से निहाल किया। इस दौरान भजन मंडली ने साडे गुरां ने जहाज बणाया.., श्रीकृष्ण गोबिंद हरे मुरारी, हरे गोबिंदा हरे गोपाला सहित अन्य भजन गाकर श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। सुग्रीवानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि वेदों व शास्त्रों के अनुसार हमें अपना जीवनयापन करना चाहिए। धर्म ग्रंथों में कही गई बातों को अपने चरित्र में उतारना चाहिए और उनका गलत मतलब नहीं निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन्म-मरण के चक्कर से मुक्त होने के लिए प्रभु सिमरन ही एकमात्र साधन है। उन्होंने कहा कि इच्छाओं को बढ़ाकर हम अनेक प्रकार की बुराइयों में फंसते हैं। ऐसे में जीवन को ठीक करने के लिए इच्छाओं का त्याग भी करना चाहिए। सुग्रीवानंद महाराज ने कहा कि गुरु कृपा से कष्ट दूर होते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना आसानी से हो जाता है। इसलिए गुरु आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार इनसान भोजन के बिना नहीं रह सकता, ठीक उसी प्रकार नारायण की भक्ति के बिना नहीं रहना चाहिए। इस अवसर पर कमलदेव, ओमप्रकाश, रामदेव, सुदर्शन, गुरुदेव, अश्वनी, रामपाल, राम बहादुर, सतीश, सोनू व अंकुश आदि उपस्थित थे।