डेंटल मेकेनिक को वित्त विभाग की ‘नो’

शिमला —  लंबे समय से स्टाफ की कमी झेल रहे दंत स्वास्थ्य विभाग को वित्त विभाग की ओर से बड़ा झटका लगा है। दिसंबर में धर्मशाला में हुई कैबिनेट में डेंटल सर्जन के 50 के साथ डेंटल मेकेनिक के भी 50 पद स्वीकृत किए गए थे। जनवरी में इसकी अधिसूचना भी जारी हुई, लेकिन जब फाइल वित्त विभाग के पास पहुंची तो केवल डेंटल सर्जन के दो अतिरिक्त पदों के साथ कुल 52 पदों को भरने की मंजूरी प्रदान की गई, लेकिन मेकेनिक के पद भरने पर आपत्ति लगा दी गई। हालांकि इसी समय डेंटल हाइजीनिस्ट के पदों को भरने का भी प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। डेंटल हाईजीनिस्ट के कुल स्वीकृत 108 पदों में से 91 पद भरे हैं, जबकि 17 खाली हैं।  अभी भी इस मामले को लेकर सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिस कारण बेरोजगार डेंटल हाइजहनिस्ट्स में भी सरकार के प्रति रोष व्याप्त है। सूत्रों का कहना है कि दंत स्वास्थ्य विभाग की ओर से मुस्कान योजना और आने वाले दिनों में कैंसर की स्क्रीनिंग का जो प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है, उसमें डेंटल हाइजिनिस्टों की अहम भूमिका रहेगी, लेकिन नए पद स्वीकृत न होने से और पहले से स्वीकृत पदों के खाली होने से यह प्रोेजेक्ट औंधे मुंह गिर सकते हैं। वर्तमान में डेंटल सर्जन के 295 पद स्वीकृत हैं।  सरकार की ओर से 50 पदों की मंजूरी मिलने के बाद डेंटल सर्जन की काडर स्ट्रैंथ 345 हो गई है। इसी तरह डेंटल मेकेनिक्स के वर्तमान में 109 पद स्वीकृत हैं।  50 पदों की मंजूरी के साथ ही यह सट्रैंथ भी बढ़कर 159 होनी है, लेकिन मेकेनिक के पद भरने की मंजूरी नहीं मिल पाई है।

प्रदेश में हैं कुल 232 दंत संस्थान

वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कुल 232 छोटे बड़े दंत संस्थान हैं। इनमें तीन जोनल, 45 सिविल अस्पताल, नौ रीजनल अस्पताल, छह ईएसआई, 66 सीएचसी और 103 पीएचसी हैं।