डेढ़ साल में ही भुला दिया शहीद का परिवार

धर्मशाला —  वीरभूमि हिमाचल प्रदेश के शहीद को प्रदेश सरकार ने पराया बना दिया है। डेढ़ साल में केंद्र और प्रदेश की सरकारों सहित जिला प्रशासन ने शहीद के परिवार को भुला दिया है। सरकारों और राजनीतिज्ञ द्वारा किए गए वादों के मुताबिक अब तक न नौकरी, न सड़क और न ही कोई और सुविधा परिवार को मिल पाई है। इससे शहीद के परिवार और गांववासियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। शहीद के परिवार और ग्रामीण का आक्रोश में अब सड़कों पर उतर कर अपने लिए न्याय मांग रहे हैं। तीन जनवरी, 2016 को पठानकोट के एयरबेस में आतंकी हमले में शहीद हुए संजीवन राणा के परिवार की प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी पर लोगों का सरकार के प्रति गुस्सा फूट पड़ा है। शहीद के परिवार सदस्यों के साथ खड़े कई लोगों ने शुक्रवार को कचहरी से उपायुक्त कार्यालय तक रोष रैली निकालकर प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। इस बारे में उपायुक्त कांगड़ा को शिकायत पत्र सौंपा गया है। प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करती शहीद की पत्नि पिंकी राणा ने नम आंखों से बताया कि उसके पति को शहीद हुए डेढ़ साल हो गया है, लेकिन नेता आए और झूठा आश्वासन देकर चले गए। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शहीद के बेटे को नौकरी तथा शाहपुर कालेज का नाम शहीद के नाम रखने का वादा किया था, जो पूरा नहीं किया गया। रैली में शामिल भाजपा युवा नेता कार्निक पाधा व सिहुंवा पंचायत प्रधान बिंदू राणा ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार अभी भी नहीं जागती है, तो आने वाले चुनावों का बहिष्कार किया जाएगा। इस मौके पर शहीद संजीवन राणा का बेटा शुभम राणा, वार्ड सदस्य सपना देवी, पंजाब सिंंह, इच्छा देवी, सुषमा देवी, कृष्णा देवी, नरेंद्र कुमार, विक्रम सिंह, ओंकार सिंह, करनैल सिंह,  श्रेष्ठा देवी, कांता देवी, आशा देवी, इंदिरा देवी, सपना देवी, निशा देवी व प्रीतम चंद आदि मौजूद रहे।