ड्रैगन के खून से भरेंगे जख्म

By: Apr 13th, 2017 12:04 am

शोधकर्ताओं ने कोमोडो ड्रैगन के खून का उपयोग कर एक दवा विकसित की हैं, जो संक्त्रमित घावों को ठीक करने में मदद कर सकती है। इसका प्रयोग चूहों पर किया गया था। एक नए एंटीबायोटिक को विकसित कर दवा एंटीबायोटिक रजिस्टेंस से लड़ने में मदद कर सकती है। वर्जीनिया के जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कोमोडो ड्रैगन में एंटी माइक्रोबिएल प्रॉपर्टीज का अध्ययन कर रहे थे। इन विशालकाय इंडोनेशियाई लिजार्ड की लार में कई बैक्टीरिया होते हैं। इनमें से कुछ कारण ब्लड प्वाइजनिंग (खून को जहरीला करने) या सेप्सिस का कारण बनते हैं। यही कारण है कि उनके काटने के नतीजे बहुत घातक होते हैं। मगर यह बैक्टीरिया स्वयं ड्रेगन को प्रभावित नहीं करते हैं। इससे पता चलता है कि उनमें कुछ प्रकार के जैविक प्रतिरोध होते हैं। शोधकर्ताओं की टीम कोमोडो ड्रैगन के खून से एक विशिष्ट पेप्टाइड को पृथक करने में सक्षम थी, जो रोगाणुरोधी गतिविधि दिखाते हैं। जाहिर है कि ये हानिकारक बैक्टीरिया से छिपकलियों की रक्षा करते हैं। इस पेप्टाइड का प्रयोग करने मोनिक वैन होक के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने एक ड्रग का एक सिंथेटिक संस्करण विकसित किया है, जिसे उन्हें डीआरजीएन-1 नाम दिया है।


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