नेट ने मान्यता के नियम बदले

अब नए रूल्ज के तहत शिक्षण संस्थानों को एक्टिविटी के आधार पर मिलेंगे अंक

धर्मशाला  — अब देश भर के शिक्षण संस्थानों को नए नियमों के अनुसार एक्रीडिटेशन प्रदान की जाएगी। नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नेट) ने शिक्षण संस्थानों को ग्रेडिंग देने के नियमों में बड़ा फेरबदल किया है। नैक की टीम द्वारा अब शिक्षण संस्थान की वेबसाइट में नजर आने वाली एक्टिविटी के आधार पर अंक मिलेंगे। एक्रीडिटेशन काउंसिल द्वारा 60 प्रतिशत अंक वेबसाइट में अपलोड गतिविधियों पर प्रदान किए जाएंगे, जबकि मात्र अब 40 प्रतिशत अंकों की ही प्रोजेक्ट फाइल संस्थानों को तैयार करनी होगी।  देश सहित हिमाचल प्रदेश के शिक्षण संस्थानों को अब अप्रैल माह से नेशनल असेस्मेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल नैक के नियमों के तहत एक्रीडिटेशन के लिए अपनी तैयारियां करनी होंगी। शिक्षण संस्थानों को नैक से एक्रीडिटेशन प्राप्त करने के लिए अब अपनी वेबसाइट पर हर पल एक्टिव रहना होगा। शिक्षण संस्थानों द्वारा करवाई जाने वाली गतिविधियों की फोटो, ब्यौरा और अन्य जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। एक्रीडिटेशन काउंसिल द्वारा संस्थान को ग्रेड देने से पहले शिक्षण संस्थान की वेबसाइट चैक की जाएगी। डिजिटल इंडिया के युग में एक्रीडिटेशन काउंसिल ने भी अपने नियमों में बड़ा फेरबदल किया है। इससे पहले अब तक शिक्षण संस्थानों को नैक से ग्रेड प्राप्त करने के लिए अपने स्कूल की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी होती थी। हाथों से तैयार होने वाली प्रोजेक्ट रिपोर्ट को टीम के आने से पहले तैयारियां की जाती थीं, जिससे संस्थानों को भी कई परेशानियां झेलनी पड़ती थीं। ऑनलाइन एक्रीडिटेशन होने से संस्थान की गतिविधियों को काउंसिल की टीम भी कभी भी जांच सकेगी। इसके चलते अब शिक्षण संस्थानों को अपनी ग्रेडिंग सुधारने के लिए अपनी हर गतिविधियों को वेबसाइट में अपलोड करना होगा। वहीं काउंसिल ने भी शिक्षण संस्थानों को ग्रेडिंग सिस्टम के नए नियमों के बारे में सूचित कर दिया गया है। नैक द्वारा एक्रिडेट संस्थान को ए प्लस-प्लस, ए- प्लस, ए, बी प्लस-प्लस, बी-प्लस, बी, सी और जबकि संस्थान को डी ग्रेड मिलने पर एक्रिडेशन प्रदान नहीं की जाती है। नेशनल एक्रीडिटेशन काउंसिल भारत बंगलूर के डायरेक्टर ने नए एक्रीडिटेशन नियमों को लेकर सूचना जारी कर दी है।