पूर्व आईपीएस ने मांगा 50 लाख हर्जाना

एएन शर्मा ने दो आला अधिकारियों पर किया मानहानि का दावा

शिमला – पूर्व आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा ने दो आला अधिकारियों पर हाई कोर्ट में सिविल केस दर्ज किया है। विजिलेंस ने रिटायरमेंट के बाद सेवाएं जारी रखने के मामले में एएन शर्मा , पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल सहित अन्य अधिकारियों पर  आपराधिक मामला किया था और इसका चालान विशेष अदालत में पेश किया था, लेकिन बाद में हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। पूर्व आईपीएस अधिकारी एएन शर्मा ने हाई कोर्ट में एक पुलिस अधिकारी और दूसरे सेवानिवृत्त हो चुके वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के खिलाफ इस मामले में अब सिविल केस दर्ज किया है। हाई कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में नोटिस जारी किए हैं। एएन शर्मा ने दलील दी है कि उनका मामला प्रशासनिक मामला था, जिसे आल इंडिया सर्विस रुल्ज के तहत डील किया जाना था, लेकिन उन पर आपराधिक केस बनाया गया। इस तरह उनकी प्रतिष्ठा को आघात पहुंचा है। शर्मा ने इसके लिए 50 लाख का हर्जाना मांगा है। उल्लेखनीय है कि  एएन शर्मा ने नवंबर 2007 में प्री-मैच्योर रिटायरमेंट ली थी। टिकट न मिलने पर एएन शर्मा ने तत्कालीन सरकार को अपनी सेवाएं बहाल करने की दरख्वास्त की दी थी, जिसे नामंजूर कर दिया गया। बाद में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने एएन शर्मा की सेवाएं बहाल कर दीं, लेकिन 2012 में जब प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और उसने विजिलेंस को इसकी जांच सौंपी। विजिलेंस ने 17 जून 2014 को इस मामले में आईपीएस की धारा 420 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 120-बी के तहत मामला दर्ज किया। विजिलेंस ने इस केस में बाद में स्पेशल अदालत (वन) में चालान पेश किया। इस बीच एएन शर्मा और अन्य हाई कोर्ट चले गए। हाईर् कोर्ट ने दिसंबर 2015 में इस मामले में एफआईआर रद्द कर दी। इसके बाद सरकार इस केस को सुप्रीम कोर्ट ले गई, जहां से 29 अप्रैल 2016 को सरकार की अपील खारिज हो गई।