स्क्रूटनी पूरी; आला अधिकारियों को भेजी लिस्ट, एमआरपी हटाने के फैसले के बाद बढ़ा ठेकेदारों का रुझान
आबकारी पुलिस के गठन की मांग
प्रदेश में एक दफा फिर से आबकारी पुलिस के गठन को लेकर मांग उठ रही है। खुद आबकारी विभाग के अफसर इस पर चर्चा कर रहे हैं, जो कि अवैध कारोबार को रोकने में सहायक साबित होगी।
महंगी-सस्ती का कंपीटीशन
शराब ठेकेदारों के लिए शराब की बोतल से एमआरपी हटाने के निर्णय के बाद ठेकेदारों ने रूझान दिखाया है, जिनका कहना है कि उन्हें कीमत निकालने के साथ मुनाफा कमाने में इससे मदद मिल सकती है। प्रदेश में शराब ठेकेदार ही मिलकर बोतलों के रेट तय करेंगे, लेकिन शुरुआत में यहां 150 से 200 रुपए तक शराब महंगी मिल रही है। सभी जगहों पर ठेके खुल जाने से उम्मीद है कि इनके भाव एक समान हो जाएं। इसमें प्रतिस्पर्धा भी रहेगी और उससे हो सकता है कि कहीं पर शराब कम दामों पर मिले। महंगे दामों को लेकर इसके शौकीन खासे परेशान हैं, वहीं एक सप्ताह से ज्यादा समय हो चला है, जहां कई क्षेत्रों में शराब नहीं मिल पा रही है। अवैध शराब के कारोबार पर किस तरह से लगाम लगाई जाए, इसे लेकर भी आने वाले दिनों में विशेष रणनीति बनाई जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस मामले में भी युक्ति निकालने को लेकर चर्चा हुई है।
जल्द होगी चर्चा
बताया जा रहा है कि स्टेट रोड को डी-नोटिफाई करने के बाद अब वहां शराब ठेकों को वापस खोले जाने को लेकर भी अधिकारी चर्चा करेंगे। मंगलवार को इस संबंध में बैठक रखी गई है, जिसमें विभाग तय करेगा कि इन मार्गों पर कितने शराब ठेके और खुल सकते हैं। इनके लिए अलग से नीलामी की प्रक्रिया चलाई जाएगी, जिसके बाद सरकारी राजस्व को और अधिक मुनाफा होने की पूरी उम्मीद है।