प्रधानमंत्री के दौरे से ‘पुरानी कर्मभूमि’ को उम्मीदें बेशुमार

By: Apr 27th, 2017 12:08 am

प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से ‘पुरानी कर्मभूमि’ को उम्मीदें बेशुमार

शिमला में आज नरेंद्र मोदी यूपी-बिहार की तर्ज पर हिमाचल के लिए कर सकते हैं बडे़ ऐलान, चुनाव से पहले आर्थिक पैकेज सबसे बड़ी बात

newsशिमला— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हिमाचल में स्वागत है। प्रदेश सरकार, यहां के लोगों के लिए नरेंद्र मोदी कोई परिचय के मोहताज नहीं है। लोग उनमें अपनेपन का एहसास पाते हैं। इसी नजरिए से अब लोगों को उम्मीद है कि गुरुवार को पहाड़ी प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री कई ऐसे ऐलान कर जाएं, जिससे 41 करोड़ के कर्ज बोझ तले दबे प्रदेश को संजीवनी मिल सके। हिमाचल की तरक्की औद्योगिक क्रांति पर आधारित होगी, मगर विशेष औद्योगिक पैकेज की मियाद 31 मार्च को खत्म हो चुकी है। हालांकि इसकी रियायतें यूपीए-टू के दौरान ही जारी रखी गईं, मगर पैकेज वर्ष 2013 में ही खत्म कर दिया गया था। प्रदेश सरकारों की फरियादों को भी अनसुना कर दिया गया। हिमाचल में नौ लाख बेरोजगारों की फौज है। प्रदेश के पास इतने संसाधन नहीं हैं कि सरकारी क्षेत्र में उन्हें रोजगार दिला सके। यह तभी संभव होगा, जब प्रदेश को कोई बड़ा औद्योगिक पैकेज मिल सके। यही नहीं, दूसरे रोजगार के साधन पर्यटन से पैदा हो सकते हैं, मगर न तो प्रदेश में कोई बड़ा हवाई अड्डा है, न ही रेल विस्तार हो सका है। हालांकि मोदी सरकार ने स्वदेश दर्शन जैसे प्रोजेक्ट मंजूर करके हिमाचल को राहत दी है। नीति आयोग के जरिए भी आर्थिकी संवारने के प्रयास हुए हैं, मगर करोड़ों के कर्ज के बोझ तले दबे प्रदेश को क्या इससे राहत मिलेगी। अब चुनावी वर्ष है, उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह बिहार व उत्तर प्रदेश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े ऐलान किए थे, उसी तर्ज पर पहाड़ी प्रदेश के लिए भी कोई सौगात दे जाएं। एम्स का शिलान्यास होना बाकी है। हिमाचल से केंद्र में जेपी नड्डा जैसे जुझारू युवा नेता को न केवल केंद्रीय मंत्रिमंडल में, बल्कि पार्टी में भी बड़े सम्मान दिए गए हैं। अब प्रदेशवासी उम्मीद कर रहे हैं कि जिस तरह से उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान पूरी चार सीटें भाजपा की झोली में डाल दीं, उसी तर्ज पर अब प्रधानमंत्री  वर्षों से लंबित पड़ी मांगों को सुलझा जाएं। यही नहीं, हिमाचल को वर्ष 1997-98 से हरित पट्टी के संरक्षण की एवज में केंद्र कौड़ी भी नहीं दे सका है। दक्षिणी राज्यों की तर्ज पर जल संसाधन पर कर लगाने की भी केंद्र से अनुमति मांगी जाती रही है, मगर प्रदेश को कुछ भी हासिल नहीं हो सका है। बीबीएमबी का मामला अब भी लंबित पड़ा है। पौंग विस्थापतों के आंसू अब भी सूखे नहीं हैं। लिहाजा अपनी पुरानी कर्मभूमि में प्रधानमंत्री की हैसियत से नरेंद्र मोदी न तो खाली हाथ आएंगे, न ही निराश करके जाएंगे, ऐसी उम्मीद की जा सकती है।

आज शिमला से शुरू होगी सस्ती उड़ान

शिमला— 2500 रुपए में 500 किलोमीटर की हवाई यात्रा वाली क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम आदमी) की पहली फ्लाइट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को शिमला से हरी झंडी दिखाएंगे। सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया की इकाई एलाइंस एयर को दिल्ली-शिमला मार्ग का आबंटन किया गया है। इसके अलावा ट्रूजेट ने भी ‘उड़ान’ के तहत कडप्पा-हैदराबाद और नांदेड़-हैदराबाद  के लिए फ्लाइट्स चलाने की घोषणा भी गुरुवार को शिमला से होगी।


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