बच्चे को 90 लाख मुआवजा

सुप्रीम कोर्ट के आदेश, करंट से दोनों हाथ गंवा चुका है चुवाड़ी का रोहित

धर्मशाला— अठारह मार्च 2012 को 11000 वोल्ट की तारों की चपेट में आने से आठ वर्षीय रोहित के दोनों हाथ काटने पड़े थे। चंबा जिला की चुवाड़ी तहसील के रोहित  को इस घटना के बाद बोर्ड ने पांच हजार रुपए देकर मामला शांत कर दिया था। इस मामले को ‘दिव्य हिमाचल’ सहित हिमाचल बचाओ मंच ने प्रमुखता से उठाया। रोहित को इनसाफ दिलाने के लिए हिमाचल बचाओ मंच ने जब मीडिया के माध्यम से मामला उठाया तो मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जब मामला कानूनी प्रक्रिया से गुजरा तो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रोहित के हाथों के कटने पर उन्हें विद्युत बोर्ड को 90 लाख रुपए देने के निर्देश जारी किए। हिमाचल बचाओ मंच के संस्थापक एसएस गुलेरिया, प्रदेशाध्यक्ष नरेश ठाकुर व पवन पुरोहित ने रोहित को न्याय मिलने पर खुशी व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने  कहा कि चंबा जिला की चुवाड़ी तहसील के कुडणू पंचायत के भुकडू गांव निवासी रोहित (13) को अब न्याय मिला है। न्यायालय ने बिजली बोर्ड को 90 लाख रुपए मुआवजा राशि जारी करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि रोहित 18 मार्च 2012 को उस समय 11 हजार वोल्टेज की तारों के करंट की चपेट में आ गया था, जब उसकी माता लता खेतों में काम कर रही थी और रोहित खेल रहा था। इसके बाद रोहित का उपचार टांडा अस्पताल में करवाया गया, जहां रोहित के दोनों बाजू काटने पड़े थे। इसी दौरान हिमाचल बचाओ मंच के पदाधिकारियों ने जब रोहित के काटे गए दोनों बाजुओं के बारे में जानकारी हासिल की तो, उनके पिता नरेंद्र ने बताया था कि बिजली बोर्ड ने घटना के बाद मात्र 5 हजार रुपए मुआवजा दे रहा था। इसके बाद हिमाचल बचाओ मंच के पदाधिकारियों के सहयोग से रोहित के माता-पिता लता व नरेंद्र ने न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अब उनके पक्ष में फैसला आया है।