बलराज साहनी ने ‘दो बीघा जमीन’ से छुईं बुलंदियां

बालीवुड में बलराज साहनी को एक ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाता है, जिन्होंने अपने संजीदा और भावात्मक अभिनय से लगभग चार दशक तक सिने प्रेमियों का भरपूर मनोरंजन किया। रावलपिंडी शहर (अब पाकिस्तान) में एक मध्यम वर्गीय व्यवसायी परिवार में पहली मई, 1913 को जन्मे बलराज साहनी का बचपन से ही झुकाव अभिनय की ओर था। 1946 में ख्वाजा अहमद अब्बास के निर्देशन में निर्मित फिल्म ‘धरती के लाल’ में बलराज साहनी को बतौर अभिनेता काम करने का मौका मिला। 1953 में प्रदर्शित फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ उनके करियर में अहम पड़ाव साबित हुई। ‘दो बीघा जमीन’ की कामयाबी के बाद बलराज साहनी शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचे। कांस फिल्म महोत्सव के दौरान इस फिल्म को अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। 1961 में प्रदर्शित फिल्म ॑‘काबुलीवाला’ में भी बलराज साहनी ने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों को भावविभोर किया। बहुमुखी प्रतिभा के धनी बलराज साहनी अभिनय के साथ लिखने में भी रुचि रखते थे। 1960 में उन्होंने ‘मेरा पाकिस्तानी सफरनामा’ और 1969 में ‘मेरा रूसी सफरनामा’ किताब लिखी। 1957 में प्रदर्शित फिल्म ‘लाल बत्ती’ का निर्देशन भी बलराज साहनी ने किया।  1973 में प्रदर्शित ‘गर्म हवा’ बलराज साहनी की मौत से पहले उनकी सर्वाधिक लोकप्रिय फिल्म थी। महान कलाकार बलराज साहनी 13 अप्रैल, 1973 को इस दुनिया को अलविदा कह गए।