बल्देयां में पुलिस के खिलाफ नारे

शिमला – बल्देयां पंचायत के मोहनपुर गांव से पिछले एक वर्ष से लापता मेदराम को ढूंढने में नाकाम रहे पुलिस प्रशासन के खिलाफ  किसान सभा ने विभिन्न संगठनों सीटू, दलित शोषण मुक्ति सभा, जनवादी महिला समिति, जनवादी नौजवान सभा, मिड-डे मील वर्कर्ज यूनियन के साथ मिलकर बल्देयां में प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में स्थानीय पंचायतों के करीब 300 लोगों ने भाग लिया। किसान सभा ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर एक महीने के अंदर मेदराम का कोई सुराग न लगाया गया, तो किसान सभा व अन्य संगठन आंदोलन को उग्र करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। किसान सभा अध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह तंवर ने खेद जताया कि हिमाचल जैसे शांत कहे जाने वाले राज्य के एक छोटे से कस्बे से एक आदमी अचानक लापता हो जाता है और पुलिस एक साल बीत जाने के बाद भी उसका कोई भी सुराग नहीं लगा पाती। इससे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि इस पूरे मामले के पीछे क्षेत्र में सक्रिय भू-माफिया का हाथ है। ऐसी आशंका इसलिए भी होती है कि जब भी पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच को आगे बढ़ाते हैं उनका तबादला कर दिया जाता है। इसका अर्थ है कि मामले में संलिप्त लोगों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों के आश्वासन और तीन सदस्यीय टास्क फोर्स बनाने के बावजूद मेदराम का कोई सुराग नहीं लग सका। दलित शोषण मुक्ति सभा के जिलाध्यक्ष हरिचंद ने कहा कि एक तरफ  सरकार और प्रशासन बंदर और सूअर को मारने से इनकार करते हैं और उनके साथ कू्ररता न करने की दुहाई देते हैं दूसरी ओर दलित परिवार का एक आदमी लापता हो जाता है, लेकिन सरकार और प्रशासन में किसी तरह की हलचल नहीं होती। उन्होंने कहा कि दलितों के साथ शिक्षा संस्थानों से लेकर सार्वजनिक स्थानों तक भेदभाव किया जाता है।