भुंतर बस स्टैंड, बसें ठहराने को जगह नहीं

By: Apr 27th, 2017 12:08 am

newsभुंतर   —  जिला कुल्लू के प्रवेश द्वार भुंतर का बस स्टेंड बूढ़ा हो गया है। इस बस स्टैंड से विभिन्न इलाकों के लिए जाने वाली बसों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है तो बस स्टैंड का दायरा लगातार सिकुड़ता जा रहा है। लिहाजा, यहां पर बसों को पार्क करने के लिए पर्याप्त ठिकाना नसीब नहीं हो रहा है। बता दें कि भुंतर बस स्टैंड  में स्थानीय रूटों मणिकर्ण, बरशैणी, रतोचा, दियार, गड़सा, भलाण, सचाणी, भुलंग, शियाह, न्यूल, बड़ोगी जैसे इलाकों को जाने वाली बसें रुकती हैं। इसके अलावा मंडी, कांगड़ा, चंडीगढ़, दिल्ली सहित बाहरी जिलों और राज्यों के लिए जाने वाली बसें भी यहां से होकर गुजरती हैं। हर रोज विभिन्न रूटों पर जाने वाली करीब 200 बसें दिन भर यहां पर रुकती हैं, लेकिन बस स्टैंड में जगह इतनी कम है कि बसों को आड़े-तिरछे कर लगाना पड़ता है। नगर पंचायत के तहत आने वाले इस बस स्टैंड में एक समय में सात बसों ही बसों के रुकने की जगह है। इसके अलावा यहां सात ऑटो भी खड़े किए जाते हैं।

मजबूरन समय निर्धारित करना पड़ रहा 

बस स्टैंड में बसों को खड़ा करने को लेकर मजबूरन समय निर्धारित करना पड़ रहा है और इसी समय को लेकर चालकों-परिचालकों में हर रोज खूब तू-तू, मैं-मैं होती है। कई बार बसों को ठहराने को लेकर नौबत हाथापाई तक भी आ जाती है। जगह की कमी इस कद्र है कि कुल्लू जाने वाली लोकल बसों को बस स्टैंड के बाहर से ही वापस ले जाना पड़ता है। बस स्टैंड में यात्रियों के लिए टिकट काउंटर भी नहीं है, जिससे बाहरी स्थानों की ओर जाने वाले यात्री एडवांस बुकिंग करवा सकें। जानकारी के अनुसार भुंतर में बड़े स्टैंड को लेकर योजना तो सालों से बन रही है, लेकिन यह योजना अभी भी फाइलों में ही सिमटी हुई है और इसके चलते उक्त बस स्टैंड पर बोझ लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार यहां पर बस स्टैंड बड़ा बनाने की मांग भी की है। स्थानीय लोगों की मानें तो बस स्टैंड में पिछले कुछ सालों से नई दुकानें बनने से भी इसका दायरा घटा है। पूर्व में कई बार नगर पंचायत और स्थानीय लोग आर-पार भी आ चुके हैं।


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