महंगी शराब से बढ़ेगा अवैध कारोबार

पड़ोसी राज्यों में प्रदेश से दाम कम, बैरियर पर भी नहीं हो रही चैकिंग

शिमला – प्रदेश में शराब के दामों को ठेकेदारों के हवाले करने से अवैध कारोबार बढ़ने की पूरी संभावना है। प्रदेश में शराब महंगी हो चुकी है और ठेकेदारों की मर्जी पर रेट तय होंगे, ऐसे में यहां पड़ोसी राज्यों से अवैध रूप से शराब का कारोबार पनप सकता है, जिसे रोक पाना सरकार के लिए मुश्किल होगा। प्रदेश सरकार ने आबकारी पालिसी में संशोधन कर फैसला तो ले लिया है, परंतु इसकी खामियों पर मंथन नहीं हो सका है। केवल शराब से बड़ा राजस्व जुटाने की सोच के चलते यहां खुली छूट दे दी गई है। बता दें कि शराब का अवैध कारोबार रोकने के लिए प्रदेश सरकार के पास कोई इंतजाम नहीं हैं। यहां न तो आबकारी महकमे के पास आबकारी पुलिस का प्रावधान है और न ही इतना स्टाफ है कि सड़कों पर प्रत्येक गाड़ी चैक की जा सके। यही नहीं, जब से ई-डेक्लेरेशन की व्यवस्था चली है, तब से प्रवेश द्वारों पर मौजूद वाहनों का निरीक्षण भी नहीं किया जाता। ई-डेक्लेरेशन करने वाले कारोबारी पहले से बाहर से लाए जाने वाले सामान को डिक्लेयर कर देते हैं, लिहाजा उनके वाहनों को प्रवेश द्वार पर नहीं रोका जाता। ऐसे में कारोबारी बाहर से क्या लेकर आ रहा है, इसका कोई पता नहीं और इस पर अब शराब के अवैध कारोबार की संभावना बढ़ गई है। सरकार ने प्रवेश द्वारों के साथ लगते चोर रास्तों पर नजर रखने के लिए भी कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए हैं। यह कारोबार रोकने के लिए प्रदेश पुलिस की मदद भी पर्याप्त नहीं मानी जा सकती, क्योंकि पुलिस अपने काम में मशरूफ है और वाहनों की धरपकड़ के लिए अलग से नहीं लग सकती।

हिमाचल में बोतल 150 रुपए महंगी

पड़ोसी राज्य हरियाणा, जिसकी सीमा हिमाचल से लगती है, वहां जिस रेगुलर शराब का दाम 600 रुपए प्रति बोतल है, उसका मूल्य यहां हिमाचल में 100 से 150 रुपए अधिक है। ये वर्तमान दरें हैं। इसके बाद अभी शराब ठेकेदार दामों में अपनी मर्जी से और बढ़ोतरी कर सकते हैं। पंजाब के शराब ठेकों में भी हिमाचली ठेकों से कम रेट पर बोतल मिल रही है।