केंद्र के फैसले से कुछ युवा विधायक दिखे निराश, अफसरशाही ने अपनाया सुस्त रवैया
बोर्ड-निगमों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष भी लगे हटाने
हिमाचल में 45 से भी ज्यादा ओहदेदार बोर्ड-निगमों में तैनात किए गए हैं। इनमें अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सभी शामिल हैं। इनके लिए जब से बत्तियों का प्रावधान किया गया था, तभी से विधायकों को वे अखर रहे थे, क्योंकि हारे हुए नेताओं को उन्हीं के चुनाव क्षेत्रों में सम्मान मिल रहा था। दूर से ही रात के वक्त इनकी पहचान बन जाती थी, अब ऐसा नहीं होगा।
अब नहीं चलेगा रौब
बत्तीयुक्त वाहन ज्यादातर पुलिस जवानों व अफसरों में रौब का सबब बनते थे। टै्रफिक नियमों की उल्लंघना के बावजूद पुलिस ऐसे वर्ग पर हाथ डालने से कतराती थी। अब पुलिस उन्हें भी आम आदमी की तरह पूछताछ कर सकेगी।
जंग लड़ने वाले निराश
हिमाचल में पहली बार कुछ विधायकों ने अपने वाहनों पर बत्तियां लगाने के लिए सरकार पर खूब दबाव बनाया था। हालांकि इस जंग में उनकी जीत भी हुई, मगर अब बड़े फैसले के बाद उन्हें भी झटका लगा है।
मंडी के दो नेताओं ने छोड़ा मोह
मंडी— सरकाघाट के विधायक कर्नल इंद्र सिंह ने गुरुवार को अपनी गाड़ी से एंबर लाइट हटा दी । विधायक ने कहा कि अब वह अपने किसी भी वाहन पर बत्ती का प्रयोग नहीं करेंगे। इसी तरह उपाध्यक्ष हिमाचल प्रदेश सामान्य उद्योग निगम सुरेंद्र पाल ठाकुर ने भी लाइट को हटा दिया है। इसके अलावा कई नेता भी बत्ती उतारने की तैयारी कर रहे हैं।