रैली के बहाने मोदी के निशाने

By: Apr 30th, 2017 12:05 am

उत्तराखंड व यूपी चुनाव में मोदी मैजिक ने विपक्षी दलों को धूल चटा दी है। इसके बाद दिल्ली एमसीडी चुनाव में भी भाजपा ने बहुमत हासिल कर संकेत दिए हैं कि अब भाजपा का विजय रथ थमने वाला नहीं। इसी साल हिमाचल में होने वाले चुनावों को देखते हुए पीएम मोदी ने शिमला से परिवर्तन रैली के जरिए पहाड़ फतह करने के इरादे साफ जाहिर कर दिए हैं…

रैली वास्तव में विशाल थी, इसमें दो राय नहीं। शिमला, मंडी संसदीय क्षेत्र के साथ-साथ बिलासपुर तक से लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। मोदी ही नहीं,प्रादेशिक नेता भी इतने गदगद थे कि प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने प्रधानमंत्री की शान में लंबे पुल बांधे। उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी ही थे, जिनके संगठन कौशल की वजह से वर्ष 1998 में भाजपा सत्ता में आ सकी। मोदी ने भी सत्ती को युवा नेता कह कर सम्मान दिया। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष ने सरकार को भी कोसने में कोई कमी नहीं छोड़ी। उन्होंने साठ व आठ का आंकड़ा कह कर यह भी बता दिया कि भाजपा पीछे हटने वाली नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आकर्षण लोगों में व वर्करों में किस कद्र सिर चढ़ कर बोल रहा है, इस रैली से इसकी मिसाल ली जा सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी रैली के बीच नेताओं में संतुलन बनाए रखा। हालांकि नड्डा को युवा नेता की संज्ञा देकर केंद्रीय मंत्रिमंडल में अपना सहयोगी बताकर ही बात खत्म की। मंच पर भी नड्डा से मोदी काफी देर तक बतियाते रहे। भीड़ में से भी नड्डा व धूमल के समर्थन में नारे गूंजते रहे। मगर इन सबसे दूर प्रधानमंत्री ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया, जिसके बूते कहा जाए कि फलां नेता नेतृत्व के लिए आगे लाया जाएगा। मंच से सांसद अनुराग ठाकुर ने लोगों का हाथ हिलाकर जिस तरह से अभिवादन किया, उसके भी मायने देखे जा रहे हैं। हालांकि वहां शांता कुमार जैसे वरिष्ठ सांसद भी थे तो वहीं रामस्वरूप शर्मा और वीरेंद्र कश्यप भी थे। सतपाल सिंह सत्ती ने भी विशाल रैली को संबोधित करते हुए कहीं न कहीं ये संकेत दिए कि वह भी लंबी दौड़ में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस परिवर्तन रैली में जिस तरह से पार्टी के वरिष्ठ नेता व सांसद शांता कुमार को बोलने का मौका नहीं मिला, उससे साफ जाहिर है कि पार्टी के भीतर बुजुर्ग नेताओं के लिए इज्जत, मान-प्रतिष्ठा तो है, मगर उन्हें अब अग्रिम पंक्ति में नहीं समझा जा रहा। जाहिर तौर पर आने वाले वक्त में हिमाचल के लिए हाईकमान का ऐसा जमा-जोड़ कई नए गुल भी खिला सकता है।

नड्डा, बरागटा, भारद्वाज ने भ्रष्टाचार पर छोड़े तीखे बाण

रैली में जेपी नड्डा ने जिस तरह से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार के मामलों पर तीखा वार किया, उससे जाहिर है कि नानुकर करते आ रहे नड्डा कांटे की टक्कर देंगे। मंच पर सुरेश भारद्वाज जो शिमला के विधायक हैं, उन्होंने भी भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ सीधा हमला बोला, जबकि अन्य नेता बचते रहे। इसके क्या मायने रहे, यह तो वे जाने, मगर इतना जरूर रहा कि नड्डा, सुरेश भारद्वाज यहां तक कि पूर्व बागबानी मंत्री नरेंद्र बरागटा तक ने भ्रष्टाचार पर वार करने के लिए कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी इससे अछूते नहीं रहे।

ऐसा रहा पीएम का रोड शो

शिमला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  का जोरदार रोड शो हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए शिमला, हमीरपुर व मंडी संसदीय क्षेत्रों से भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से अनाडेल तक हेलिकाप्टर से पहुंचे थे और वहां से बुलेट प्रूफ वाहन में  कैनेडी चौक से एजी चौक होते हुए सीटीओ और माल रोड से आगे राजभवन होते हुए रामचंद्रा चौक से होकर रिज पर पहुंचे।

पीएम के काफिले में 20 गाडि़यां

प्रधानमंत्री के काफिले में बीस वाहन थे और इसमें एसपीजी सहित पुलिस और अन्य वाहन शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला अनाडेल से जब कैनेडी चौक पर पहुंचा तो यहां पर लोगों ने जोरदार उनका अभिवादन किया और मोदी-मोदी के नारे लगाए। इसके बाद विधानसभा से लेकर मालरोड तक लोग कतारों में खड़े थे। लोग  प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए बेताब थे। महिलाएं, बच्चे व बुजुर्ग भी कतारों में खड़े होकर प्रधानमंत्री का अभिवादन कर रहे थे। इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ता भी जगह-जगह खड़े हुए थे।

10 क्विंटल गुलाब की पखुंडि़यों से वेलकम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों ने फूलों की बारिश की। मोदी का स्वागत करने के लिए करीब दस क्विंटल गुलाबों की पंखुडि़यां शहर में लाई गई थीं। नरेंद्र मोदी जिस रास्ते से गुजरे उसी रास्ते पर फूलों की बारिश वहां खड़े लोग करते।  एजी चौक से लेकर माल रोड तक करीब एक किलोमीटर तक गुलाब की पंखुडि़यां बिखरी हुई थीं। यह पूरा मार्ग ऐसे लग रहा था कि मानों यह गुलाब की पंखुडि़यों से बना हो।

मुस्करा कर  स्वीकार करते रहे अभिवादन

माल रोड पर प्र्रधानमंत्री के रोड शो के लिए अलग से रास्ता बनाया गया था। यहां बैरिकेड्स लगाकर पैदल चलने के लिए अलग रास्ता रखा गया था और काफिले के लिए अलग मार्ग था। इस दौरान जहां लोग मोदी-मोदी की जयकार कर रहे थे, वहीं प्रधानमंत्री भी सभी लोगों का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र  मोदी अपने बुलेट प्रूफ वाहन से लगातार हाथ हिलाकर लोगों का मुस्कराते हुए अभिवादन करते रहे।  हिमाचल के लोगों के लिए यह एक यादगार लम्हा था कि वे नरेंद्र मोदी को अपने सामने से गुजरते देख रहे थे। पूरे रोड शो का नजारा खूबसूरत था और लोगों में भारी उत्साह था।

1921 में आए थे महात्मा गांधी

राजधानी शिमला इतिहास को पन्नों में समेटे हुए है। पहाड़ों की रानी शिमला में कई प्रधानमंत्री आ चुके हैं और यहां उन्होंने लोगों को भी संबोधित किया है। यही नहीं आजादी से पहले भी यहां कई बार बड़े नेता आए और यहां का इतिहास बन गए। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का शिमला से गहरा नाता रहा है। गांधी पहली बार सन् 1921 में यहां पर आए थे, तब इन्होंने यहां के ईदगाह मैदान में जनसभा को संबोधित किया था। इसमें आसपास के इलाकों के लोग आए थे। इससे हिमाचल में भी आजादी के लिए आंदोलन की हवा बनी थी। इसके बाद वह 1946 तक शिमला नौ बार आए। हालांकि उन्होंने अधिक जनसभाएं की, वे आजादी के सिलसिले में यहां आते  थे और अंग्रेज अधिकारियों के साथ वार्तालाप करते थे।

रिज से पूर्ण राज्यत्व की घोषणा

यह वही रिज  है, जहां से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य देने का ऐलान किया था और यहां पर एक विशाल जनसभा भी आयोजित की थी। स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने 25 जनवरी, 1971 को रिज  पर विशाल जनसभा की थी। तब  सर्दियों का चरम मौसम था और भारी बर्फबारी हो रही थी  और इस बीच ही इंदिरा गांधी ने हिमाचल को पूर्ण राज्य की घोषणा की और हिमाचल देश का 18वां पूर्ण राज्य बना। हिमाचल के लोगों के लिए  एक बड़ा तोहफा था। इंदिरा गांधी की रिज से की गई इस घोषणा से पूरे हिमाचल में एक खुशी की लहर फैल गई थी।

जुल्फिकार अली भुट्टो-बेनजीर ने भी निहारा  शिमला

भारत व पाकिस्तान के बीच शिमला समझौते के लिए जुल्फिकार अली भुट्टो शिमला आए थे, उनके साथ बेनजीर भुट्टो भी आई थीं। इस दौरान वे शिमला के रिज  और माल रोड पर पहुंचे थे। इस दौरान उनको देखने के लिए भीड़ लगी थी। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी शिमला आईं थीं और उन्होंने भुट्टो के साथ ऐतिहासिक शिमला समझौता किया।

राजीव गांधी -इंद्रकुमार गुजराल ने भी की जनसभा

इसके बाद भी कई बार यहां प्रधानमंत्री और अन्य बड़े नेता भी आए और रिज  पर जनसभा की थी। स्वर्गीय राजीव गांधी ने भी इसी रिज से एक रैली को संबोधित किया था। यही नहीं, केंद्र में गठबंधन सरकार के समय  1997-98 में प्रधानमंत्री रह चुके इंद्र कुमार गुजराल शिमला के इस ऐतिहासिक रिज  पर रैली को संबोधित कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शिमला के इस ऐतिहासिक मैदान पर रैली कर चुकी हैं।

वाजपेयी भी कर चुके हैं रिज से संबोधित

देश के प्रधानमंत्री रह चुके अटल बिहारी वाजपेयी जिनका हिमाचल से गहरा नाता था, वह भी शिमला के ऐतिहासिक रिज पर रैली कर चुके हैं। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी शिमला आए थे  और उनकी रैली में पूरे हिमाचल से भारी तादाद में लोग जुटे थे। यही नहीं, इस रैली में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे,जो कि पार्टी कार्यकर्ता के रूप में इसमें शामिल हुए थे। नरेंद्र मोदी हिमाचल के पार्टी प्रभारी भी रहे हैं और इस रैली को नरेंद्र मोदी ने भी संबोधित किया था।

मोदी के चुनावी राडार पर हिमाचल

पर्यटन, कृषि-बागबानी के साथ रेल सड़क-एयर कनेक्टिविटी पर जोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूरे भाषण से जो मायने निकाले जा सकते हैं, वे स्पष्ट हैं कि अब हाइकमान के चुनावी राडार पर हिमाचल पूरी तरह से आ चुका है। यही वजह है कि जो साढ़े तीन वर्षों में हिमाचल के लिए मोदी सरकार ने किया है, वह उन्होंने एक-एक करके गिना दिया। शायद यही वजह रही कि उड़ान जैसे सस्ते हवाई कार्यक्रम के लिए शिमला को ही चुना गया था। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऊना रेल प्रोजेक्ट पर अपनी दिलचस्पी जगजाहिर की, उससे स्पष्ट है कि बड़ी गहराई से हिमाचल का अध्ययन भाजपा आलाकमान कर रही है। इशारों-इशारों में ही प्रधानमंत्री यह भी बता गए कि एम्स का भी अब जल्द शिलान्यास होगा। हिमाचल को सड़क, एयर कनेक्टिविटी व रेल के क्षेत्र में अछूता नहीं रखा जाएगा। विशाल परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिमाचल उनके साथ चले। केंद्र सरकार प्रदेश को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए कृतसंकल्प है। केंद्र हिमाचल की प्रगति के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों का उन पर तो विशेषाधिकार है, क्योंकि उन्होंने हिमाचल का नमक खाया है। अब फायदा उठाना प्रदेश के लोगों के हाथ में है। उन्होंने कहा कि हिमाचल उनके साथ चले। लोगों को निमंत्रण देते हुए उन्होंने कहा कि बेईमानी की सोच को अब विदा कर दें। उन्होंने कहा कि चुनाव करीब है, हिमाचल में भी यूपी, उत्तराखंड के साथ-साथ अब दिल्ली की ताजा हवाएं पहुंच रही हैं। प्रधानमंत्री ने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ी जा रही जंग के संकल्प को फिर दोहराते हुए कहा कि पहाड़ी प्रदेश में भी उन्हें ईमानदारी के युग का इंतजार है।  उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 70 वर्षों तक गरीबों का धन लूटा है, उन्हें अब इसे वापस लौटाना होगा।  उन्होंने कहा कि 70 वर्षों में पूर्व सरकारों ने देश में 70 हवाई अड्डे बनाए। एनडीए सरकार ने तीन वर्ष के कार्यकाल में 30 हवाई अड्डों का काम शुरू किया है। उनका प्रयास है कि सस्ती हवाई यात्रा एक हवाई चप्पल पहनने वाला आम आदमी भी कर सके। इसी के चलते उड़ान का शुभारंभ शिमला के जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से किया गया है।  उन्होंने कहा कि देश में दो शक्तियां हैं, एक मध्यम वर्गीय लोग और दूसरे मध्यम श्रेणी के नगर। आने वाले दशक में ऐसे ही क्षेत्र व वर्ग ग्रोथ इंजन बनने वाले हैं। इन्हीं वर्गों व इलाकों से बड़ी ताकत बाहर निकलेगी।

पूर्व सैनिकों को वन-रैंक, वन-पेंशन 

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से वन-रैंक, वन-पेंशन योजना लटकी थी। पूर्व यूपीए सरकार ने इसके लिए 500 करोड़ का आकलन किया था। एनडीए ने सत्ता में आते ही गहराई से इसका अध्ययन किया। फौजी जवानों व अफसरों से बातचीत की गई। उनकी सहायता मांगी गई। 15 हजार करोड़ का प्रावधान चार किस्तों में किया गया। अब इसकी अंतिम किस्त जारी की जा रही है।

प्रदेश का पर्यटन विकास केंद्र के एजेंडे में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न केवल वर्तमान में बल्कि भविष्य के लिए भी पर्यटन की योजनाओं में दिलचस्पी दिखा गए। उन्होंने कहा कि हिमाचल में पर्यटन के लिए अपार संभावनाएं हैं। इसी पर रोजगार भी आधारित होगा। यही वजह है कि प्रदेश में रेल, सड़क के बाद अब हवाई नेटवर्क को भी मजबूत करने का प्रयास है।

दशकों से लटके प्रोजेक्ट आगे बढ़ाए

पिछले तीन दशकों से ऊना रेल प्रोजेक्ट जो लटका पड़ा था, उसकी याद दिलाते हुए मोदी ने कहा कि सत्ता संभालते ही इसे निकाला, अधिकारी बिठाए और इसे आगे बढ़ाया।

किसान-बागबान की नब्ज पर हाथ

प्रधानमंत्री ने कहा कि गरीबों को 700 किस्म की सस्ती दवाएं दी जा रही हैं। बागबानों को अब उत्पाद बेचने की दिक्कत नहीं होगी। कोक, पेप्सी व फैंटा में पांच फीसदी फल रस डालना अनिवार्य किया जा रहा है। नागपुर से इसकी शुरुआत हो चुकी है। किसानों को प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत दो फीसदी देना होगा। यदि वे बुआई भी नहीं करते हैं तो भी उन्हें पैसा मिलेगा।

20 साल पहले कार्यकर्ता, आज पीएम बनकर लौटे मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल को रिज पर हुई रैली में भी इस रैली के यादगार लम्हों का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि यह वही ऐतिहासिक मैदान है,जहां वह बीस साल पहले बतौर कार्यकर्ता पहुंचे थे और आज वह प्रधानमंत्री के तौर पर इस रैली को संबोधित कर रहे हैं। यही नहीं, इस रिज का देश व विदेश की बड़ी शख्सियतें दौरा कर चुकी हैं, हालांकि जनसभा को संबोधित करने का यहां पर सभी को मौका नहीं मिलता।


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