वार्ड वीआईपी, पार्किंग तक की सुविधा नहीं
* कुसुम्पटी में रहने वाले अधिकारियों सहित
* एमसी के मेयर अपने ही घर में सुविधाओं को तरसे
शिमला – कुसुम्पटी वार्ड जब नगर निगम में मर्ज किया था, तो लोगों को उम्मीद थी कि इस वार्ड में लोगों को बुनियादी सुविधाएं मिल सकेंगी, लेकिन मुख्य सड़कों के अलावा ऐसा कुछ खास नहीं हो पाया, जिससे कि लोगों को महसूस हो कि वार्ड में स्मार्ट तरीके से विकास हुआ है। हालांकि वार्ड में हाल ही में आधुनिक लाइटें लगाई गई हैं। शौचालय का भी निर्माण किया गया, लेकिन ये सुविधाएं पिछले कुछ माह में ही मुहैया हो पाईं, जबकि इससे पहले लोग इन बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते रहे। इसी वार्ड में नगर निगम शिमला के महापौर संजय चौहान भी रहते हैं। जब संजय चौहान महापौर बने थे,तो लोगों को उम्मीद थी कि अन्य वार्ड के मुकाबले इस वार्ड में दूसरे वार्डों के मुकाबले अधिक विकास होगा पर हकीकत में लोगों की यह उम्मीद पूरी हुई हो ऐसा कम ही प्रतीत होता है। पार्किंग,पार्क और सीवरेज ये तीनों ही सुविधाएं यहां पर्याप्त नहीं हैं। हैरानी की बात है कि पंथाघाटी के मुख्य चौक तक के कई क्षेत्र अभी सीवरेज लाइन से नहीं जोड़े गए हैं। हालांकि अब सीवरेज लाइन बिछाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह तब हुआ जब अमृत मिशन में शिमला को शामिल किया गया। इससे पहले पिछले तीन चार सालों में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ कि कहा जाए कि जनता के चुने हुए नुमाइंदों ने स्थानीय लोगों को अपने वादों के मुताबिक कोई ऐसा तोहफा दिया हो, जिसे विकास की श्रेणी में शामिल किया जाए।
वार्ड में वीआईपी
*संजय कुमार,डीजीपी
*नरेंद्र चौहान, एसीएस लोक निर्माण विभाग
*आरडी धीमान, प्रिंसीपल सेक्रेटरी शिक्षा
*राकेश करोल, एचएएस
*खुशहाल शर्मा,एसपी लॉ एंड आर्डर
*संजय चौहान, नगर निगम महापौर
*हर्ष महाजन, चेयरमैन को-आपरेटिव बैंक
इन सुविधाओं को जुटाना शेष
पार्किंग- कुसुम्पटी में पार्किंग है ही नहीं। पार्षद के मुताबिक पार्षद प्राथमिकताओं में उन्होंने सीआई आफिस के पास, पंथाघाटी और घाटड़ू समेत चार जगहों पर पार्किंग बनाने का प्रोपोजल दिया था, लेकिन नगर निगम की ओर से कोई कार्य नहीं किया गया।
बच्चों को खेलने के लिए पार्क ही नहीं
पंथाघाटी में बच्चों के खेलने के लिए कोई जगह नहीं है। यहां पर मुख्य सड़क के साथ-साथ संपर्क सड़कों पर भी भारी ट्रैफिक रहता है। इसलिए यहां बच्चों का सड़क पर खेलना तो दूर यहां बच्चे सड़क भी मुश्किल से पार करते हैं। बच्चों को खेलने के लिए ऐसी कोई जगह विकसित नहीं की गई,जहां वे आराम से खेल सकें।
बावडि़यों की खस्ता हालत
पंथाघाटी में पानी की काफी किल्लत रहती है। ऐसे में अगर बावडि़यों को सहेजा जाए और उनमें सफाई व्यवस्था को सुधारा जाए,तो इससे काफी लोगों को राहत मिल सकती है, लेकिन बावड़ी होने के बावजूद लोग इसका पानी पीने के लिए प्रयोग नहीं कर सकते।
मैहली-शोघी सड़क के नहीं आए अच्छे दिन
पंथाघाटी से होकर गुजरने वाल मैहली शोघी रोड की हालत काफी खस्ता है। इस रोड का कुछ हिस्सा कुसुम्पटी वार्ड के तहत आता है। यहां से अकसर भारी वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। सेब सीजन में तो हालत और भी खस्ता हो जाती है।
कुसुम्पटी में इन योजनाओं पर हो रहा काम
कुसुम्पटी वार्ड के लिए हाल ही में 49 लाख रुपए के कार्य स्वीकृत हुए। इसमें एंबुलेंस रोड, पैदल पाथ व अन्य कार्य शामिल हैं। शक्ति विहार के लिए 60 लाख रुपए से सीवरेज लाइन बिछेगी। पंथाघाटी के लिए भी सीवरेज लाइन बिछाने की मंजूरी।
ये हैं प्रमुख संस्थान
स्वास्थ्य प्रशिक्षण संस्थान परिमहल
आफिसर कालोनी
बौद्ध मठ
सीआईडी आफिस
शिव मंदिर
खाद्य आपूर्ति निदेशालय
तेनजिन अस्पताल
क्षेत्रीय पासपोर्ट आफिस
पांच साल में ये काम
पंथाघाटी चौक पर शौचालय का निर्माण और कुसुम्पटी में रिपेयर
वार्ड में आधुनिक लाइटें लगीं
पंथाघाटी चौक पर सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल
पैदल पथ की रिपेयर और कुछ नए का निर्माण
रेन शैल्टर
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