रामपुर परियोजना की सुरक्षा में दिन-रात मुस्तैद रहेंगे 100 जवान
रामपुर बुशहर— एसजेवीएन की 412 मेगावाट की रामपुर परियोजना में अब परिंदा भी पर नहीं मार सकता। अब इस परियोजना की पूरी सुरक्षा सीआईएसएफ के अधीन चली गई है। शुक्रवार से परियोजना प्रबंधन सीआईएसएफ यूनिट को सुरक्षा की कमान सौंपेगी। एसजेवीएन की यह दूसरी परियोजना है,जहां पर सीआईएसएफ अपनी सेवाएं देगी। जानकारी के मुताबिक सीआईएसएफ के 100 के करीब जवान अब दिन-रात परियोजना की सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रहेंगे। गौरतलब है कि आज से पहले उक्त परियोजना की सुरक्षा निजी हाथों में थी। ऐसे में पहले जब भी परियोजना की सुरक्षा को लेकर एजेंसियों से इनपुट आता था तो परियोजना के वरिष्ठ अधिकारियों को खुद सुरक्षा को लेकर फील्ड में उतरना पड़ता था। प्राप्त जानकारी के मुताबिक अब सीआईएसएफ परियोजना पावर हाउस, सर्जशाफ्ट, मुख्यालय में अपने जवानों की तैनाती करेगी। ऐसे में यहां पर हर आने जाने वालों पर पैनी नजर रखी जाएगी फिलहाल सीआईएसएफ के रामपुर परियेजना में तैनाती वाले यूनिट की कमान झाकड़ी सीआईएसएफ मुख्यालय के पास ही होगी। कुल मिला कर परियोजना की सुरक्षा और भी पुख्ता होगी।
सेना से मांगी जाती थी अभी तक मदद
रामपुर परियोजना सुरक्षा को लेकर अवेरी स्थित सेना मुख्यालय पर निर्भर था। जब भी कभी परियोजना में सुरक्षा को लेकर इनपुट आता था तो परियोजना अधिकारी सेना से मदद मांगते थे, लेकिन अब सीआईएसएफ के जवान तैनात होने से परियोजना प्रबंधन की यह जिम्मेदारी समाप्त हो जाएगी। अब पूरी सुरक्षा सीआईएसएफ के हाथों में होगी।