हमीरपुर बस स्टैंड…25 की जगह 300 बसें

हमीरपुर  — बस अड्डा हमीरपुर बसों के आगे छोटा पड़ गया है। यातायात पुलिस को भी बस अड्डा के बाहर जाम से निपटना चुनौती बन गया है। सबसे  ज्यादा दिक्कत सुबह व शाम के समय झेलनी पड़ती है। फिर भी यातायात को सुचारू करने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं, ताकि शहर की सड़कों को जाम मुक्त बनाया जा सके। एचआरटीसी बस अड्डा में वाहनों की संख्या हर वर्ष बढ़ रही है, लेकिन अड्डे का विस्तारीकरण अभी तक नहीं हो पाया है। अड्डे में 25 बसें ही काउंटर पर खड़ी हो सकती हैं, जबकि अन्य बसों को वर्कशॉप, बाइपास, गलोड़ सड़क मार्ग या फिर अणु सड़क मार्ग के किनारे पार्क करनी पड़ रही हैं। बसों को रूट पर चलने से दस मिनट पहले अड्डा में एंट्री दी जाती है। दस मिनट के बाद बस अपने रूट पर रवाना हो जाती है। अगर अड्डा में बिना बजह ही बस खड़ी रहती है, तो यातायात पुलिस द्वारा उक्त बसों का समय-समय पर चालान किया जाता है। अड्डे में हर रोज 300 के करीब एचआरटीसी व निजी बसें प्रवेश करती हैं। शहर में जाम की स्थिति न बन पाए, इसके लिए यातायात पुलिस के दो कर्मचारी दोनों गेटों पर सुबह से लेकर देरशाम तक ड्यूटी देते हैं, ताकि अड्डे में वाहनों के चलते जाम न लग सके। यही नहीं, बस आपरेटरों को भी अड्डा से बाहर निकलने पर यात्रियों को न बिठाने के निर्देश दिए गए हैं, पकड़े जाने पर उनसे जुर्माना वसूला जाता है। हालांकि सुबह दस बजे और शाम पांच बजे  बसों की संख्या अधिक होने के चलते कुछ देर के लिए जाम की स्थिति बनी रहती है। एचआरटीसी ने बसों की संख्या को देखते हुए बाइपास में टॉप का बस अड्डा बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए कई बार टेंडर जारी किए गए हैं, लेकिन आज दिन तक किसी भी ठेकेदार ने काम नहीं लिया है। नतीजतन बस आपरेटरों को तंगहाल अड्डे में ही समय निकालना पड़ रहा है। नए बस अड्डे के निर्माण के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।