हाटी समुदाय को जगी ट्राइबल की उम्मीद

नाहन —  जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है। हाटी समुदाय की 127 पंचायतों के 400 गांव के करीब पौने तीन लाख लोगों को उम्मीद है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय जनजातीय मंत्री जुओल ओराम शीघ्र ही इसकी घोषणा हिमाचल प्रवास के दौरान करेंगे। इस बात का खुलासा केंद्रीय हाटी समिति के मुख्य सलाहकार डा. अमीचंद, केंद्रीय समिति के महासचिव कुंदन शास्त्री व कोषाध्यक्ष सुरेंद्र हिंदोस्तानी ने मंगलवार को नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि गिरिपार के हाटी समुदाय को पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने का मुद्दा 1979 से लंबित है। उन्होंने कहा कि तत्त्कालीन विधानसभा अध्यक्ष ठाकुर सैन नेगी ने ट्राईबल कमीशन को अपनी सिफारिशें भेजी थी। उसके पश्चात 1983 में तत्त्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गृहमंत्री भारत सरकार को सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को ट्राईबल घोषित करने की सिफारिश भेजी। उसके बाद लगातार यह मामला केंद्र सरकार के समक्ष प्रदेश सरकार के माध्यम से व हिमाचल के संसद में नेताओं ने इस मामले को रखा, परंतु तथ्यों व रिपोर्ट में खामी के चलते यह मुद्दा सिरे नहीं चढ़ पाया। डा. अमी चंद ने बताया कि अब हाटी समुदाय को पिछड़ा क्षेत्र घोषित करने को लेकर तमाम औपचारिकताएं पूरी की जा चुकी हैं। इसके लिए हाल ही में केंद्रीय हाटी समिति का प्रतिनिधिमंडल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व जनजातीय मंत्री जुओल ओराम के अलावा स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मिल चुका है। साथ ही ट्राईबल कमीशन के रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष भी तमाम रिपोर्ट व आंकड़ों की प्रस्तुति की जा चुकी है। केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि टीआरआई व हिमाचल सरकार के कैबिनेट की रिपोर्ट रजिस्ट्रार जनरल को सौंप दी गई है। अब केवल अंतिम रिपोर्ट इस मामले में तैयार होनी है। हाटी समिति के पदाधिकारियों ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शिमला प्रवास के दौरान केंद्रीय हाटी समिति पुनः इस मामले को उनके समक्ष रखेगी। साथ ही केंद्रीय जनजातीय मंत्री के पांच मई के प्रस्तावित हरिपुरधार दौरे के दौरान भी पुनः केंद्रीय हाटी समिति पूर्ण रूप से हाटी के पारंपरिक रीति-रिवाज, वेशभूषा की प्रस्तुति उनके समक्ष रखेंगे।