हिमाचल पुलिस में हथियारों की कमी

By: Apr 4th, 2017 12:15 am

जवानों के पास जो उपकरण हैं वे भी पुराने, रायफल 35 फीसदी कम

newsशिमला  – हिमाचल में पुलिस के पास हथियारों की कमी है, वहीं, कई जगह जवान पुराने हथियारों के सहारे हैं। कैग ने अपनी रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल पुलिस के पास सेल्फ लोडिंग रायफलें 35 फीसदी और एलएमजी 41 फीसदी कम हैं। आज देश में जहां पुलिस के सामने आतंकवाद जैसी नई चुनौतियां सामने आ रही हैं, वहीं, हिमाचल पुलिस हथियारों की कमी से जूझ रही है। पुलिस के पास जो हथियार हैं, वे पुराने हैं। पुराने हथियारों से जवानों को जूझना पड़ रहा है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस विभाग में हथियारों की कमी का जिक्र किया है। हिमाचल पुलिस को एसएलआर यानी सेल्फ लोडिंग रायफल और एलएमजी यानी लाइन मशीनगन जैसे हथियारों की कमी से जूझना पड़ रहा है। विभाग में मार्च, 2016 तक 9074 एसएलआर (7.62/ 5.56 एमएम) की जरूरत थी, इसके विपरीत विभाग के पास मात्र 5889 गन है। विभाग के पास इन हथियारों की 35 फीसदी कमी बनी हुई है। इसके अलावा पुलिस विभाग को 323 एलएमजी की जरूरत है, लेकिन इसके विपरीत विभाग के पास मात्र 191 हैं। एलएमजी की 41 फीसदी कमी पुलिस विभाग के पास है। कैग ने 2004-09 तक की रिपोर्ट में भी पुलिस विभाग में हथियारों की कमी का जिक्र किया था, लेकिन तब से अब तक कोई ज्यादा सुधार नहीं हुआ है। कैग की 2004-09 रिपोर्ट में कहा गया था कि मार्च, 2009 तक पुलिस विभाग में 71 फीसदी एसएलआर कम थी, जबकि 88 फीसदी कमी एलएमजी की थी। पुलिस विभाग ने पुराने हथियारों को नए व आधुनिक हथियारों से भी नहीं बदला है। ऐसे में साफ है कि पुलिस मौजूदा चुनौतियों के दौर में भी पुराने हथियारों पर निर्भर है।

अभी भी थ्री नॉट थ्री से चल रहा काम

पुलिस विभाग में अभी भी थ्री नॉट थ्री पुरानी रायफलें हैं। हालांकि पुलिस मॉडर्नाइजेशन योजना के तहत इन हथियारों को इनसास, एसएलआर, एक-47, एलएमजी जैसे हथियारों से बदला जाना है, लेकिन अभी भी पुराने हथियारों से काम चलाया जा रहा है। पुराने हथियारों की एक बड़ी खामी यह है कि इन रायफलों में बुलेट मैनुअली यानी एक-एक करके लोड करनी पड़ती है। इसके विपरीत नए हथियार स्वचलित और कम वजनी होते हैं।


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