1000 लड़कों के पीछे महज 858 बेटियां

धर्मशाला – कांगड़ा जिला के क्षेत्रों में गिरते लिंगानुपात को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। कांगड़ा के साथ सटे पंजाब के क्षेत्रों में चल रही अल्ट्रासाउंड मशीनों पर भी निगरानी रखी जा रही है। इसके लिए जिला प्रशासन व जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस विषय पर पंजाब प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करने के लिए कहा गया है, जिससे कि पंजाब के इन क्षेत्रों में लिंग जांच जैसी अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। कांगड़ा जिला के सबसे ज्यादा लिंगानुपात जिला के सीमांत चिकित्सा खंडों इंदौरा, फतेहपुर व गंगथ में गिरा है। इसके अलावा भवारना, नगरोटा बगवां व महाकाल में लिंगानुपात के आंकड़े सही नहीं है। इंदौरा चिकित्सा खंड में 0 से 6 वर्ष तक आयु की बच्चियों की संख्या 1000 के मुकाबले 858, जबकि 0 से 1 वर्ष की आयु की संख्या 805 दर्ज की गई है। गंगथ में 0 से 6 वर्ष तक 883 जबकि 0 से 1 वर्ष में 908 है। फतेहपुर चिकित्सा खंड में 0 से 6 वर्ष के बीच 901 जबकि 0 से 1 वर्ष के बीच 973 बच्चियां हैं। महाकाल चिकित्सा खंड में भी हालात ऐसे ही हैं। यहां 0 से 6 वर्ष के बीच 928 जबकि 0 से एक वर्ष के बीच बच्चियों की संख्या 917 है। सीमावर्ती क्षेत्रों में गिरते लिंगानुपात के लिए पड़ोसी राज्य में लिंग जांच की भी आशंका जताई जा रही है।  उपायुक्त कांगड़ा तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कांगड़ा को इस दिशा में कार्य करने के लिए कहा गया है।

शांता कुमार के समक्ष उठ चुका है मामला

जनवरी माह में जिला विकास एवं समन्वय समिति की जिला स्तरीय बैठक में समिति अध्यक्ष शांता कुमार के समक्ष भी यह मामला उठ चुका है। उधर, एमडी एनएचएम पंकज राय ने बताया कि पंजाब प्रशासन का भी सहयोग लिया जा रहा है। इसमें कांगड़ा के साथ लगते पंजाब के क्षेत्रों में अल्ट्रासाउंड मशीनों पर निगरानी के लिए सहयोग लिया जाएगा।