20 साल बाद थमाया एक लाख बिल

मंडी — मंडी के दिल इंदिरा मार्केट में चल रही होम्योपैथिक डिस्पेंसरी शिफ्ट होने जा रही है। डिस्पेंसरी शिफ्ट होने के पीछे का कारण दिलचस्प है क्योंकि  डिस्पेंसरी को करीब 20 साल बाद बिल थमाया गया है। बिल की अदायगी में विभाग के हाथ खड़े हो गए हैं। यहां बता दें इंदिरा मार्केट में करीब 20 साल से होम्पोपैथिक डिस्पेंसरी चलाई जा रही है। जब इंदिरा मार्केट में डिस्पेंसरी शुरू की गई थी, तब खुद इंदिरा मार्केट खस्ताहाल थी। इतने सालों के बाद अचानक कुछ माह पहले नगर परिषद ने डिस्पेंसरी की जगह के रेंट का करीब एक लाख का बिल विभाग को थमा दिया। बिल मिलते ही अधिकारी भी भौंचक्के रह गए, क्योंकि जिला आयुर्वेदिक अधिकारी के मुताबकि रेंट का पहली बार बिल आया था। इससे पहले कभी रेंट काटा ही नहीं गया। विभाग बिल देने में असमर्थ है और डिसपेंसरी को शिफ्ट करने के लिए कहा गया है। ऐसे में स्थानीय व्यापारियों और जनता के बीच यह सवाल उठा है कि क्या नगर परिषद के आंख में यह डिसपेंसरी अखर रही है। यहां बता दें कि डिस्पेंसरी का फायदा रोजना करीब 40 से 50 मरीजों को होता है। ऐसे में इसे शिफ्ट करने की जगह कोई दूसरा रास्ता अपनाया जा सकता है।

व्यापारी यूनियन ने बुलंद की आवाज

इंदिरा मार्केट व्यापारी यूनियन ने डिस्पेंसरी को यहां से हटाने के खिलाफ आवाज बुलंद कर दी है। यूनियन के प्रधान सरदार भगवंत सिंह, तिलक राज शर्मा, बाबी ग्रोवर, खेम चंद, हेमराज पठानिया, दीपक गुलेरिया, तिलक राज, सुदेश सेन व अन्य ने कहा कि डिस्पेंसरी को यहां से हटाना स्थानीय जनता के हित में नहीं है। इस बाबत यूनियन ने जिला आयुर्वेद अधिकारी, अतिरिक्त दंडाधिकारी, निदेशक आयुर्वेद को मांग पत्र सौंपा है।