स्वास्थ्य विभाग सर्वे पर सख्त

By: May 8th, 2017 12:01 am

निदेशक ने फील्ड आंकड़ों में भारी अंतर होने पर डाक्टरों से मांगा स्पष्टीकरण

शिमला – प्रदेश में स्वास्थ्य से जुड़ी फील्ड स्टाफ और नेशनल फैमिली हैल्थ सर्वे की रिपोर्ट में भारी अंतर सामने आए हैं। अब इस बारे में सभी बीएमओ से इन एनएचएफएस की रिपोर्ट और विभाग के फील्ड स्टाफ से जुटाई रिपोर्ट के आंकड़ों में भिन्नता पर स्पष्टीकरण मांगा है। स्वास्थ्य निदेशक ने डाक्टरों को दो टूक कहा कि फील्ड में सर्वे सही तरीके से करो, ऐसा न करने पर चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी। इसके साथ ही सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं पर आउट ऑफ पाकेट खर्च दिखाने पर स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से काफी नाराजगी दिखाई गई है। कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें सरकार की ओर से सभी सुविधाएं निःशुल्क दी जा रही हैं। इसके बावजूद चिकित्सा अधिकारियों की ओर से इन योजनाओं के क्रियान्वयन में आउट ऑफ पाकेट खर्च दिखाकर बिल भेजे जा रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से काफी कड़ा संज्ञान लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि जब सभी चीजें व सभी सुविधाएं सरकार की ओर से निःशुल्क दी जा रही हैं, तो आउट ऑफ पाकेट खर्च कैसे दिखाया जा रहा है। इसके साथ बर्थ सेक्स रेशों को लेकर विभाग के निर्देशों का पालन न करने पर भी निदेशक ने चिकित्सा अधिकारियों से जवाब मांगा है। यह मामला हाल ही में हुई रिव्यू बैठक में भी उठा था, लेकिन कई चिकित्सक इसका सही से जवाब नहीं दे पाए। अब निदेशालय की ओर से एनएचएफएस और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जुटाए गए आंकड़ों और अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन में बरती गई लापरवाही पर चिकित्सा अधिकारियों से जवाब मांगा है।

क्लीनिकों की चैकिंग पर मांगी रिपोर्ट

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी बीएमओ को निर्देश जारी किए गए हैं कि अपने-अपने  क्षेत्र में आने वाले निजी क्लीनिकों के नियमित निरीक्षण और उसकी रिपोर्ट तय समय में निदेशालय को उपलब्ध करवाएं।

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