अनमोल जीवन को आपसे आस

आनी – आनी के साथ करसोग क्षेत्र की पंचायत ग्वालपुर के गांव चखाणा निवासी प्रकाश अपने परिवार के पालन पोषण के लिए आनी बाजार में एक छोटी दुकान के माध्यम से जिंदगी की खुशियां समेट रहा था। मगर वर्ष 2016 में उसके हंसते खेलते जीवन ने ऐसा मोड़ लिया कि उसे एकाएक खून की उल्टियां हुईं और उपचार करने पर मालूम हुआ कि उसके शरीर की दोनो किडनियां फेल हो चुकी हैं। इस खबर ने प्रकाश व उसके परिवार की सारी खुशियां छीन ली। प्रकाश अपने इलाज के लिए पीजीआई में दाखिल होकर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। एक तरफ  अपने जीवन की जंग, तो दूसरी ओर अपने बूढ़े मां-बाप और पत्नी व बच्चों  की चिंता। अनुसूचित जाति और बीपीएल परविर से संबद्ध प्रकाश के इलाज को लाखों का खर्चा कैसे वहन हो, इसकी चिंता ने बूढ़े मां-बाप के दिन का सुकून और रात का चैन छीन लिया है। अपने बेटे के इलाज लिए मां बजरी कूटकर और बाप जमीन बेचकर और मेहनत मजदूरी कर पैसे जुटा रहे हैं। अपने बेटे के जीवन को बचाने के लिए बूढ़ी मां अपनी किडनी देने को भी राजी हुई, मगर चिकित्सकों ने मां की किडनी को भी सही नहीं बताया। अब अंतिम आस बूढ़े बाप पर टिकी है। बीमारी से जूझ रहे इस गरीब परिवार ने प्रकाश के नवजीवन के लिए मुख्यमंत्री सहित आम लोगों से सहायता गुहार लगाई है। उन्होंने दानी सज्जनों से फरियाद की है कि उनके बेटे के इलाज के लिए हर सभंव सहायता करें, ताकि बूढ़े मां-बाप की लाठी टूटने से बच जाए।

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